नाहन के भेड़ों गांव में मेहर के पहली बार पदार्पण करने पर स्थानीय लोगों द्वारा एक अतिथि के रूप में भव्य स्वागत किया गया और मेहर के आगमन पर भेड़ों गांव का वातावरण किसी पर्व में कम नहीं था और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि लोग किसी अपने खास का इंतजार वर्षो से कर रहे थे । उपायुक्त सिरमौर द्वारा बुधवार को स्वयं भेड़ों पहूंचकर मेहर ( ऊंटनी )का स्वागत किया और लोगों को बधाई दी ।
” मेहर ” एक ऊंटनी का नाम है जिसे जिला प्रशासन द्वारा राजस्थान के बीकानेर से लाया गया है ताकि जिला में ऊंटनी के दूध को बढ़ावा मिल सके । उपायुक्त सिरमौर ने कहा कि मेहर ऊंटनी के आने से जिला सिरमौर ऊंटनी का दूध उत्पादित करने वाला उतरी भारत में पहला जिला बन गया है । उन्होने कहा कि उतराखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के किसी भी स्थान पर मादा ऊंट का दूध उत्पादित नहीं किया जाता है । उन्होने कहा कि मेहर ने तीन दिन से लगातार सफर करने के बावजूद भी भेड़ों गांव पहूंचकर दो किलोग्राम दूध दिया गया जिसकी गुणवता व स्वाद का टेस्ट उनके द्वारा भी किया गया । उन्होने बताया कि मेहर मादा ऊंट के साथ नवजात मादा बच्चा भी है ।
उपायुक्त ने कहा कि नाहन के कुछ गांव मातर-भेड़ों, बर्मा-पापड़ी इत्यादि क्षेत्रों में लोगों द्वारा बोझा ढोने इत्यादि कार्य के लिए ऊंट रखे है परन्तु मादा ऊंट नहीं थी । उन्होने कहा कि उनके द्वारा पशुपालन विभाग की टीम के साथ बैठक करके इन क्षेत्रों में ऊंटनी के दूध उत्पादन की संभावनाओं का पता लगाने को कहा गया और पशुपालन विभाग द्वारा भेड़ों का जलवायु मादा ऊंट को रखने के लिए काफी उपयुक्त पाया गया ।
उपायुक्त ने कहा कि मादा ऊंट को लाने के लिए उनके द्वारा राजस्थान के बीकानेर के जिला कलैक्टर के साथ मामला उठाया गया और लगभग दो मास से लगातार सम्पर्क बनाए रखने के बावजूद पशुपालन विभाग जिला प्रशासन के सहयोग से मादा ऊंट को राजस्थान के बीकानेर से लाने में सफल हुआ । उन्होने कहा कि जिला में ऊंटनी के दूध को बड़े पैमाने पर उत्पादित करने के दृष्टिगत मेहर को पायलट के आधार पर लाया गया है और इस मेहर मादा ऊंट की बेहतरीन उपलब्धि मिलने के उपरांत जिला के उपयुक्त स्थानों पर मादा ऊंट को पालने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा ताकि सिरमौर जिला को ऊंटनी का दूध उत्पादित करने का गौरव हासिल हो सके ।
उन्होने कहा कि मेहर मादा ऊंट को भेड़ों गांव के मौलाना अब्दुल हुसैन को पालने के लिए दिया गया है चूंकि वह काफी वर्षो से ऊंट पालन व्यवसाय कर रहे । उन्होने बताया कि ऊंटनी का दूध बहुत पौष्टिक गुणों से भरपूर है और मधुमेह इत्यादि रोगों के उपचार के लिए काफी लाभदायक माना जाता है । उन्होने कहा कि अमूल कंपनी द्वारा गुजरात के अहमदाबाद में ऊंटनी के दूध को कम मात्रा में विपणन किया जा रहा है । उन्होने कहा कि मेहर के आने से भेड़ों गांव लोगों की अर्थव्यवस्था में काफी सुधार आएगा और ऊंटनी के दूध की मांग भी जिला के अतिरिक्त पड़ोसी राज्य से भी आने लगेगी । उन्होने कहा कि दूध की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए गांव में एक छोटे से पाश्चुरीकरण की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास किए जाएगें । उन्होने जिला आयुर्वेद अधिकारी को निर्देश दिए कि जिला में मधुमेह रोगियों पर ऊंटनी का दूध का प्रयोग किया जाए ताकि मधुमेह के रोगियों को लाभ मिल सके ।