राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. डेज़ी ठाकुर ने कहा कि महिला सुरक्षा पूरे समाज का दायित्व है तथा राज्य महिला आयोग प्रदेश सरकार के सहयोग से यह सुनिश्चित बनाएगा कि महिलाओं की सुरक्षा को हर स्तर पर प्राथमिकता प्रदान की जाए। डॉ. डेज़ी ठाकुर आज यहां महिलाओं के लिए आयोजित विधिक जागरूकता शिविर की अध्यक्षता कर रही थीं।
डॉ. डेज़ी ठाकुर ने कहा कि वर्तमान समय में महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक हो गया है। गत वर्ष घटित विभिन्न दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं ने इस दिशा में समाज को सोचने पर विवश किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार महिला सुरक्षा एवं महिला सशक्तिकरण के विषय में गंभीर है और राज्य सरकार ने इस दिशा में अनेक महत्वपूर्ण पग उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य महिला आयोग का उद्देश्य महिलाओं को विभिन्न कानूनों के विषय में जागरूक बनाना है। आयोग महिलाओं से संबंधित विभिन्न कानूनों की अनुपालना का अनुश्रवण भी सुनिश्चित बनाता है तथा इस दिशा में राज्य सरकार को परामर्श भी देता है।
डॉ. डेज़ी ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए शक्ति बटन ऐप तथा महिलाओं के विरूद्ध हिंसक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए गुडिय़ा हेल्पलाईन आरंभ की है। उन्होंने कहा कि शक्ति बटन ऐप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। मोबाइल में शक्ति बटन ऐप को दबाने से पुलिस मु यालय में त्वरित जानकारी मिलती है। इसके माध्यम से पुलिस को महिला की स्थान विशिष्ट पर स्थिति की जानकारी मिल जाती है और पुलिस शीघ्र अति शीघ्र महिला को सहायता प्रदान कर सकती है।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि गुडिय़ा हेल्पलाइन पर जानकारी प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने 1515 नि:शुल्क टॉल नंबर जारी किया है।उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के संबंध में विधि द्वारा स्थापित कानून की जानकारी प्रदान करने के लिए आयोग प्रदेश के सभी जिलों में ऐसे जागरूकता शिविर आयोजित करेगा। सोलन जिले से इन शिविरों का आरंभ किया गया है। इन शिविरों में आयोग विभिन्न विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित कर रहा है ताकि महिलाओं को व्यवहारिक जानकारी प्रदान की जा सके।
उन्होंने कहा कि साईबर क्राईम की गंभीर चुनौती से निपटने के लिए आयोग प्रदेश के सभी जिलों में साईबर क्राईम जागरूकता शिविर भी आयोजित करेगा। उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे विभिन्न कानूनों की जानकारी प्राप्त करें। उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं को महिलाओं तक पहुंचाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकओं का आभार व्यक्त किया।
आयोग के सदस्य सचिव संदीप नेगी ने इस अवसर पर घरेलू हिंसा अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने आयोग की कार्यप्रणाली की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग की स्थापना वर्ष 1996 में की गई। उन्होंने भारतीय दंड संहिता की भी जानकारी दी।
अधिवक्ता अतुल शर्मा ने महिलाओं से संबंधित विभिन्न अधिनियमों, अधिवक्ता श्वेता शर्मा ने कार्यालय स्तर पर होने वाले यौन उत्पीडऩ से संबंधित अधिनियम, तहसील कल्याण अधिकारी अनुराधा ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम 1989 तथा पुलिस उपाधीक्षक अमित ठाकुर ने साईबर क्राईम के विषय में जानकारी प्रदान की।
जिला कार्यक्रम अधिकारी वंदना चौहान ने मु यातिथि का स्वागत किया एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।शिविर में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम की प्रतिभागियों को स मानित भी किया गया।
सीडीपीओ सोलन पवन गुप्ता, जिला बाल संरक्षण अधिकारी एसएस कंवर, ग्राम पंचायत सतडोल की प्रधान सुखदेई तनवर, ग्राम पंचायत ममलीग की प्रधान द्रोपदी राठौर, ग्राम पंचायत काहला की प्रधान नारायणी देवी, ग्राम पंचायत जौणाजी की प्रधाना विनीता, ग्राम पंचायत सायरी की प्रधान अंजु राठौर, ग्राम पंचायत मशीवर की प्रधान किरण शर्मा, ग्राम पंचायत सेर बनेड़ा की प्रधान राम प्यारी, ग्राम पंचायत बाशा की प्रधान निशा शर्मा, ग्राम पंचायत सलोगड़ा की प्रधान करूणा शर्मा, ग्राम पंचायत भारती की प्रधान भावना, बीडीसी सदस्य संध्या, विभिन्न पंचायतों से आई महिलाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा आईटीआई सोलन की छात्राएं इस अवसर पर उपस्थित थीं।