जहां एक और हिमाचल प्रदेश सरकार हिमाचल में अवैध खनन पर कार्यवाही की बात कर रही है तथा दावे कर रही है वहीं खनन सामग्री को ले जाने को लेकर पांवटा साहिब और विकास नगर में मंत्री जी ऊपर ही मीडिया ने गंभीर आरोप लगाए हैं
हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटे पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में धूली बजरी और रेत अन्य राज्यों से आने पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया हुआ है परंतु सत्ता की हेकड़ी में इन सारे नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है उत्तराखंड मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार हिमाचल प्रदेश के क्रेशर से उत्तराखंड में अवैध रूप से रेत बजरी की धुलाई की जा रही है
उत्तराखंड में डाकपत्थर से लेकर ढ़ालीपुर तक शक्ति नहर में मरम्मत का कार्य चला हुआ है जिसकी आड में इस सारे काले कारनामे को अंजाम दिया जा रहा है हिमाचल और उत्तराखंड पुलिस सहित हिमाचल वन विभाग और खनन विभाग भी इस पर आंखें मूंदे बैठे हैं क्योंकि मंत्री जी की शह पर यह सारा खेल चला हुआ है उत्तराखंड मीडिया रिपोर्टों के अनुसार गोजर में लगे हुए इस क्रेशर की आड़ में यह सारा खेल खेला जा रहा है
डाकपत्थर पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही बंद है परंतु हिमाचल पुलिस भी मंत्री जी को सलूट करती नजर आ रही है उत्तराखंड जल विद्युत निगम के एक अधिकारी ने बकायदा इन गाड़ियों को आने जाने के लिए लिस्ट बना कर खनन सामग्री ढोने की परमिशन दे दी है जबकि नियमों के अनुसार ऐसा संभव नहीं ह
बताया जा रहा है कि ओवरलोड ट्रक भी निकल रहे हैं वही आरटीओ भी इस मामले पर कोई कार्रवाई करने से गुरेज कर रहे हैं वही खनन विभाग के अधिकारी बता रहे हैं कि हिमाचल के क्रेशर से बिल पर खनन सामग्री जा सकती है वह भी बिल के ऊपर परंतु सूत्रों के अनुसार बिना बिल के भी कई ट्रक जा रहे हैं तथा कम बिल दिखाकर अधिक माल ओवर लोड कर कर ट्रकों में भेजा जा रहा है तथा सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है इस बारे में जिला खनन अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि वह इस मामले में जांच करवाएंगे