हम बात कर रहे हैं शिलाई के कमरउ में पड़ने वाले गांव क्वीनल में जहां आजादी के 70 वर्ष बाद भी सड़क नहीं पहुंच पाई है यहां मरीजों को 4 किलोमीटर का रास्ता तय कर सड़क तक लाना पड़ता है वह भी मरीज को चार कंधों पर उठाकर सड़क तक पहुंचाया जाता है व पहाड़ी रास्ता होने के कारण हादसे का डर भी बना रहता है | आज एक स्थानीय व्यक्ति की तबीयत खराब होने पर भरी गर्मी में चादर में बांधकर तथा डंडो पर लटका कर मरीज को करीब 4 किलोमीटर का पैदल सफर वह भी पहाड़ी तथा पथरीला रास्ता तय कर कर सड़क तक लाया गया उसके बाद मरीज को किसी तरह पावटा साहिब के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां मरीज की हालत नाजुक बनी हुई थी |
गांव के स्थानीय लोगों ने नेताओं को इस विषय पर नेताओ को कई बार चेताया परंतु नेताओं के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही के नाम पर जनता को बेवकूफ बनाने वाले नेता जो 70 साल में केवल राजनीतिक रोटियां सेकते रहे हैं चाहे वह जीते हुए विधायक हैं या हार कर मुख्यमंत्री के करीबी बने बैठे नेता उनको आम जनता की परेशानियों से कोई लेना देना नहीं है | जीते हुए विधयक तो केवल जुमलेबाज़ी से काम चला रहे है वही हारे हुए नेता मुख्यमंत्री के नाम पर तबादलों में वयस्त है तथा चुनावी घाटा पूरा करने में लगे हुए है |