धरती मां का एक और जवान शहीद, अपने पीछे छोड़ गए 7 वर्ष का बेटा

Khabron wala 

भारतीय सेना की 4-पैरा स्पेशल फोर्स में तैनात हवलदार विकास भंडारी पंचतत्व में विलीन हो गए। वह अपने पीछे पत्नी, भाई, बहन, 7 वर्षीय बेटे और बुजर्ग माता-पिता को छोड़ गए हैं। विकास भंडारी बीते 3 अगस्त को ही छुट्टी काटकर ड्यूटी के लिए गए थे। विशेष कमांडो प्रशिक्षण प्राप्त विकास भंडारी कुपवाड़ा सेक्टर में विशेष मिशन के लिए गए हुए थे। जानकारी के मुताबिक 22 साल पहले विकास भंडारी सेवा की 4 पैरामिलिट्री स्पेशल फोर्स में भर्ती हुए थे। बीते 16 अगस्त को मिलिट्री बेस कैंप से अपने पलटन के साथ कुपवाड़ा के जंगलों में विशेष मिशन पर निकले हुए थे कि उन्हें प्रातः 4 बजे सीने में दर्द हुआ। सेना के अन्य साथी अस्पताल लाए और उपचार के बाद शाम 3 बजे फिर से मिशन के लिए निकल पड़े। तकरीबन 1 घंटे बाद पुन: सीने में दर्द होने पर सैन्य साथी अस्पताल आए लेकिन उपचार के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई।

आज प्रातः जैसे ही उनका पार्थिव शरीर उनके पुश्तैनी गांव दियोडा पहुंचा तो सब और चीखो पुकार मच गई। गांववासी विजय कटोच ने बताया कि विकास अत्यंत मिलनसार थे। जब भी छुट्टी पर आते थे तो छोटे बड़ों के साथ बड़ी आत्मीयता से मिलते थे। पार्थिव शरीर लेकर पहुंचे सैन्य अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अपना एक बेहतरीन साथी खो दिया है। भंडारी एक बेहद अनुशासित सैनिक थे और जिस भी मिशन पर उन्हें भेजा जाता था तो अधिकारियों को कामयाबी निश्चित अपेक्षित होती थी। यही वजह थी कि सेना में रहते हुए उन्होंने कई कोर्स किए और स्पेशल कमांडो ट्रेनिंग में महारत हासिल थे।

जीओसी वेस्टर्न कमांड,विधायक किशोरी लाल, पूर्व विधायक मुल्क राज प्रेमी, एसडीएम संकल्प गौतम, तहसीलदार रमन ठाकुर, रविंद्र बिट्टू, विजय कटोच सहित सैकड़ो क्षेत्र वासियों ने शहीद को अंतिम विदाई दी। हाल ही में विकास भंडारी ने बैजनाथ में जमीन खरीदी थी और परिजनों से कहा था कि अगली बार वह लंबी छुट्टी आएंगे और परिवार के लिए मकान का काम शुरू करेंगे लेकिन उनकी यह हसरत अधूरी ही रह गई। बीते 15 अगस्त को उन्होंने अपने बेटे की हाथों में तिरंगा लिए फेसबुक पर फोटो शेयर की थी।

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