पांवटा साहिब के देवीनगर में पंजाब पुलिस ने एक निजी दवा कंपनी में अवैध नशे के धंधे का भांडाफोड़ करने के मामलें में अभी भी मुख्य मास्टरमाइंड पकड़ से दूर है। हरियाणा निवासी मास्टरमाइंड जोड़ी फरार बताई जा रही है यह मास्टरमाइंड तरुण बत्रा यमुनानगर से रोजाना पांवटा साहिब में आता है तथा इसके साथ एक आशीश सरदाना नाम का व्यक्ति भी रहता है जो सारी इन नशीली दवाइयों की सप्लाई में मास्टरमाइंड है बताया यह भी जा रहा है कि तरुण बत्रा नाम के मुख्य आरोपी ही सारा देखरेख करता था तथा दवाइयां कहां नशीली दवाओं का कारोबार किया जाना है इसी के हाथ में होता था तथा सारे पैसे भी यही अपने पास रखता था बताया जा रहा है कि कंपनी में सारा पैसा इसी मास्टरमाइंड ने लगाया हुआ था
दो वर्ष पहलें प्रदेश नार्कोटिक्स टीम अवैध नशे के धंधे का पुरूवाला स्थित एप्पल फील्ड दवा कंपनी का भांडाफोड़ किया था। उस टाइम भी इस शातिर अपराधी ने जालसाजी की हुई थी तथा कंपनी का लाइसेंस किसी अन्य के नाम पर बनवाया हुआ था ताकि यह शातिर अपराधी बच सके परंतु पुलिस ने इनको भी मुलजिम बनाया तथा यह शातिर अपराधी हाई कोर्ट से जमानत लेकर जेल जाने से बच गए थे
जिसके बाद मुख्य मास्टरमाइंड ने पांवटा साहिब के एक व्यक्ति के नाम पर लाईंस लेकर कंपनी का नाम बदलकर तीन महीने से इस धंधे को चलाया जा रहा था। पंजाब पुलिस इस मामलें में जांच कर रही है। वहीं सूत्रों के मुताबिक पंजाब पुलिस इस शातिर अपराधी को भी जल्द गिरफ्तार कर सकती है क्योंकि इस शातिर अपराधी ने भी इस सारी साजिश में अहम योगदान दिया है तथा बताया यह जा रहा है कि यह शातिर अपराधी ही दवाइयों की सारी सप्लाई करता था तथा पैसों का लेनदेन भी इसी के हाथ में था
प्राप्त जानकारी के अनुसार वीरवार देर रात को पंजाब पुलिस ने हिमाचल पुलिस के साथ मिलकर पांवटा साहिब के देवीनगर में एक दवा कंपनी में छापेमारी की थी। जिसमें पुलिस ने 15 करोड़ रूपये की नशीली दवाओं की खेप बरामद की थी तथा एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए पंजाब ले गये है। बताया जा रहा है की 2019 में भी प्रदेश नारकोटिक्स की टीम ने पांवटा साहिब के पुरूवाला में एक कंपनी के स्टोर में छापेमारी कर करोडों रूपये के नशीली दवाओं का भांडाफोड़ किया था। इस दौरान भी नशे का मुख्य मास्टरमाइंड ने कंपनी में काम करने वालें एक व्यक्ति के नाम स्टोर का एग्रीमेंट बनाया था। जिसमें कंपनी में काम करने वाला व्यक्ति मामलें में फंस गया तथा मास्टरमाइंड उस दौरान भी मामलें से बच गया।
लेकिन उसके बाद नशा माफिया के मास्टरमाइंड ने तीन महीनें पहलें फिर से पांवटा साहिब के एक व्यक्ति के नाम पर दवा बनाने का लाईसेंस ले लिया तथा व्यक्ति को अपने कंपनी में नौकरी पर रख दिया और पांवटा साहिब के देवीनगर में कांग्रेस के एक पूर्व विधायक के मकान को किराए पर लेकर कंपनी को तीन महीने से वहां पर चलाया जा रहा था। नशे का मास्टरमाइंड नशीली दवाओं की खेप पंजाब तक पहुंचा रहा था। जिसका भांडाफोड़ पंजाब पुलिस ने किया तथा 15 करोड़ रूपये की नशीली दवाओं की खेप बरामद कर भांडाफोड़ किया।
लेकिन इस बार भी मुख्य मास्टरमाइंड पुलिस से बच गया है। लेकिन कंपनी में काम करने वालें पांवटा साहिब का एक व्यक्ति फंस गया है। दवा बनाने का लाईसेंस पांवटा साहिब के व्यक्ति के नाम पर होने के कारण कंपनी का मालिक उन्हें ही माना गया है और पंजाब पुलिस हिरासत में लेकर पंजाब ले गई है। लेकिन मुख्य मास्टरमाइंड इस बार भी बड़े ही शातिर तरिके से बच गया है।