हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक सम्पन्न, पढ़े क्या लिए गए निर्णय

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित प्रदेश मंत्रिमडल की बैठक में विभिन्न विभागों में कार्यरत उन चतुर्थ श्रेणी के अंशकालिक कर्मचारियों को दैनिक भोगी कर्मचारी में परिवर्तित करने का निर्णय लिया, जिन्होंने 31 मार्च, 2025 तक सात वर्ष का निरन्तर कार्यकाल पूरा कर लिया है।

बैठक में वन विभाग के वन्यजीव विंग को शिमला से जिला कांगड़ा के धर्मशाला स्थित सीपीडी केएफडब्ल्यू परियोजना कार्यालय भवन में स्थानातंरित करने को स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ सीपीडी केएफडब्ल्यू परियोजना कार्यालय को वन अरण्यपाल (वन्यजीव) धर्मशाला के खाली भवन में स्थानातंरित करने का निर्णय लिया गया।

मंत्रिमंडल की बैठक में जिला कारागार को मंडी से नेरचौक के नवनिर्मित भवन में स्थानातंरित करने की स्वीकृति दी गई। मंडी के वर्तमान जेल परिसर को महिलाओं की ओपन जेल में परिवर्तित किया जाएगा। इस जेल के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के आवश्यक पदों को सृजित कर भरने की स्वीकृति भी प्रदान की गई।
बैठक में राजस्व विभाग के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश ऑनलाइन फाइलिंग एंड प्रोसेसिंग ऑफ कोर्ट केस नियम-2025 को मंजूरी प्रदान की गई। इन नियमों के अन्तर्गत राजस्व न्यायालय आवेदन, अपील, पुनरीक्षण, समीक्षा आदि अन्य याचिकाएं ऑनलाइन प्राप्त एवं प्रसंस्कृत कर सकेंगे।मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग को परीक्षाओं की फीस तय करने का अधिकार प्रदान करने को स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में ऊना जिले के चिंतपूर्णी, जिला शिमला के सराहन विशेष क्षेत्र और जिला हमीरपुर के भोटा योजना क्षेत्र के लिए विकास योजनाएं तैयार करने का निर्णय लिया गया ताकि राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ लगते क्षेत्रों में अनियंत्रित निर्माण और अव्यवस्थित व्यावसायिक विकास पर अंकुश लगाया जा सके।
मंत्रिमंडल ने विभिन्न सरकारी विभागों में (जहां मांग प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है) रिक्त पदों की मांग, चयन प्रक्रिया और नियुक्ति प्रस्तावों से संबंधित नए दिशा-निर्देशों को स्वीकृति प्रदान की। भविष्य में होने वाली नियुक्तियों के पहलुओं पर विचार के लिए एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति गठित करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में परिवहन सेवाओं के सुधार के दृष्टिगत स्थानीय मांग के अनुरूप प्रदेश में 350 नए स्टेज कैरेज रूट और अन्य अतिरिक्त मार्गों को 18 सीटर निजी टैम्पों ऑपरेटरों द्वारा संचालित करने की स्वीकृति दी गई।मंत्रिमंडल ने कैजुअल्टी चिकित्सा अधिकारी के 68 पदों तथा विभिन्न श्रेणियों के 13 पदों सहित चिकित्सा अधिकारियों के कुल 81 पद भरने को मंजूरी दी। यह निर्णय राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों एवं चिकित्सा संस्थानों में आपातकालीन सेवाओं, ट्रॉमा सेंटर, कैजुअल्टी यूनिट्स, ब्लड बैंक तथा तृतीयक कैंसर केयर सुविधाओं को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत लिया गया है।
मंत्रिमंडल ने फॉरेंसिक सेवाएं विभाग में फॉरेंसिक क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए एफएसीटी और एफएसीटी प्लस के 18 क्वालीफाइड प्रोफेशनल्स की भर्ती करने को स्वीकृति प्रदान की।
इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने कृषि विस्तार सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों में विषयवाद विशेषज्ञों के 11 पदों को भरने को मंजूरी दी।
मंत्रिमंडल ने मोहाल छोटा शिमला, देहात शिमला में 14 और 17 मंजिला दो भवनों के वाणिज्यिक परिसर के निर्माण को मंजूरी दी। इस परियोजना का उद्देश्य शहर की बढ़ती प्रशासनिक और वाणिज्यिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आधुनिक सुविधाओं, पर्याप्त पार्किंग और एक बेहतर डिजाइन लेआउट से युक्त विश्व-स्तरीय बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है।
मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग के तहत पेयजल आपूर्ति योजनाओं के निष्पादन और रख-रखाव के लिए पंचायतों की ओर से सेवा प्रदाता के रूप में जल शक्ति विभाग को नामित किया।मंत्रिमंडल ने चरण-2 और चरण-3 के तहत एम्स बिलासपुर के विस्तार के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पक्ष में मौजा चंगर पलासियां में 21-09 बीघा भूमि के हस्तांतरण को स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने चंबा जिले के रेवेन्यू एस्टेट सरोल में 52-17-00 बीघा भूमि को जवाहर नवोदय विद्यालय के संचालन के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को हस्तांतरित करने को भी मंजूरी दी।मंत्रिमण्डल ने शिमला जिले में नगर पंचायत सुन्नी को नगर परिषद में स्तरोन्नत करने के संबंध में पूर्व में जारी अधिसूचना को वापस लेने को भी स्वीकृति प्रदान की।

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