नगर परिषद पांवटा साहिब लाखों के स्क्रैप की बिक्री को लेकर सवालिया घेरे में आ गई है। मामला नेशनल हाइवे से हटाए गए लाखों के डिवाइडर का है। जिसे आनन फानन में बेचे जाने के बाद सवाल उठने शुरू हो गए हैं।बताया जा रहा है भाजपा मंडल के एक नेता ने इन सारे डिवाइडर को बेचने के लिए अपने एक करीबी कबाड़ी के साथ झोलमाल किया है नेता नगरपालिका में ही डेरा लगाए रखता है व नगर पालिका मैं गड़बड़ करने में जुटा हुआ है
बता दें कि पिछली सरकार के कार्यकाल में नेशनल हाइवे पर बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए तत्कालीन विधायक चौधरी किरनेश जंग ने हाईवे के बीचों बीच ठोस लोहे के डिवाइडर लगवाए थे।
हालांकि बजट के आभाव में चौधरी किरनेश जंग के आग्रह पर दवा निर्माता कंपनी सन फार्मा के सौजन्य से इसकी लागत 55 लाख रुपए का भुगतान किया गया। जबकि 18 लाख के भुगतान नगर परिषद की ओर से किया गया।
वर्तमान में नेशनल हाइवे के विस्तारीकरण के दौरान इन डिवाइडर को हटाया जाना तय था। जिसके तहत नेशनल हाइवे अथॉरिटीज ने इन डिवाइडर को हटा कर नगर परिषद के हवाले कर दिया।
एसडीओ (एनएच) सूर्यकांत ने पूछे जाने पर बताया कि पत्र लिखकर हटाए गए डिवाइडर नगर परिषद पांवटा साहिब को सौंप दिए गए हैं।
लेकिन सवाल तब उठने शुरू हुए जब लाखों की कीमत के ठोस लोहे के डिवाइडर नगर परिषद परिसर से गायब हो गए। जानकारों की माने तो इस स्क्रैप को नियम कानूनों की प्रक्रिया पूरी कर नीलाम किया जाना था। लेकिन कानूनी प्रक्रिया पूरी किए बिना किसी कबाड़ी को बुला कर ये स्क्रैप उठवा दिए गए।
दिलचस्प बात ये है कि नगर परिषद परिसर से उठवाए गए इस लाखों के स्क्रैप की जानकारी अधिकतर पार्षदों व पदाधिकारियों को भी नहीं है।
नगर परिषद में विपक्ष के नेता व पार्षद मधुकर डोगरी ने पूछे जाने पर बताया कि इस बारे में उन्हें भी बाहर से ही इस बारे में पता चला है। यदि ऐसा पाया गया तो हाउस कि बैठक में मामले को उठाया जाएगा।
वहीं पूछे जाने पर नगर परिषद के नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष ओपी कटारिया ने बताया कि उनके मौजूदगी में ये स्क्रैप नगर परिषद परिसर में रखा गया था। लेकिन उसके बाद ये कहां गया इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। नगर परिषद अध्यक्ष निर्मल कौर ही इस बारे में कुछ बता सकती हैं।
जब नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी एसएस नेगी से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि ये डिवाइडर लोगों की जान के लिए आफत बने हुए थे। ऐसे में नगर परिषद को अधिकार है कि लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे हटाकर बेच दिया जाए।
सवाल ये है कि क्या नगर परिषद परिसर में भी इससे लोगों की जानमाल के नुकसान का भय था ? कि इसे आनन फानन में हटा दिया गया।
उधर, नगर परिषद नव निर्वाचित अध्यक्षा निर्मल कौर ने पूछे जाने पर बताया कि इस स्क्रैप को बेचे जाने की आवश्यक औपचारिकताऐं पूरी की जा रही हैं।
जब इस बारे में उपायुक्त सिरमौर डॉ आरके परुथी से बात की गई तो उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि अगर इस बारे में कोई शिकायत मिलती है तो तत्काल जांच कर आवश्यक कारवाई अमल में लाई जाएगी।