मादक द्रव्यों से संबंधित 19 मामलों में 11.37 करोड़ की सम्पत्ति अटैच: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां कहा कि प्रदेश सरकार नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने के लिए बहु आयामी रणनीति अपनाकर राज्य को ‘ड्रग फ्री स्टेट’ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य पुलिस को बड़े नशा तस्करों के अलावा छोटे तस्करों पर भी कार्रवाई करने केेे निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि भांग और अफीम की अवैध खेती को नष्ट करने और नशा तस्करों की सम्पत्ति को अटैच करने के लिए कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक जनवरी, 2020 से 30 अप्रैल, 2021 तक एनडीपीएस अधिनियम की संबंधित धारा के अंतर्गत कुल 2126 मामले दर्ज किए गए हैं और 2909 व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है।

You may also likePosts

जय राम ठाकुर ने कहा कि इस अवधि के दौरान विभिन्न खुफिया अभियानों के माध्यम से बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित पदार्थों की अवैध खेती का पता लगाकर इसे नष्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि इस दौरान 7917 बीघा भूमि में लगभग 12.52 लाख भांग के पौधे और 52 बीघा भूमि में 2.66 लाख अफीम के पौधे नष्ट किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भू-स्वामियों व अपराधियों के विरूद्ध 161 मामले दर्ज किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में राज्य पुलिस ने मंडी जिले के पधर की टिक्कन उप-तहसील के अंतर्गत चैहार घाटी में 66 बीघा भूमि पर 10 करोड़ रुपये मूल्य के 15 लाख अफीम के पौधे की अवैध खेती का पता लगाने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपराधियों द्वारा नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार से अर्जित चल और अचल सम्पत्तियों को अटैच करने के लिए वित्तीय जांच की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पिछले एक वर्ष में 19 विभिन्न मामलों में 11.37 करोड़ रुपये की सम्पत्ति अटैच और फ्रीज़ की गई, जिसमें जिला कुल्लू में 15 मामलों में  3.79 करोड़ रुपये की सम्पत्ति व जिला कांगड़ा में दो मामलों में 7.29 करोड़ रुपये की सम्पत्ति अटैच तथा जिला बिलासपुर के एक मामले में 18.31 लाख रुपये व जिला शिमला के एक मामले में 10.67 लाख रुपये के बैंक डिपोटिज फ्रीज़ किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने राज्य में हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा मादक द्रव्यों के खतरे को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए किए गए प्रयासों की प्रशंसा करते हुए पुलिस महा निदेशक संजय कुंडू और उनकी सम्पूर्ण टीम को उनके अथक प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस प्रवर्तन निदेशालय के सहयोग से ऐसे अपराधियों के विरूद्ध धन-शोधन निवारण अधिनियम के अंतर्गत जांच करने पर विचार कर रही है।

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!