ग्राम पंचायत भगाणी में किसानों की नदी किनारे की जमीन को माइनिंग के लिये लीज पर लिया गया था , परन्तु कुछ समय पश्चात उन जमीनों को बिना उनकी जानकारी के आगे दूसरी कंपनी को अधिक दामों पर दे दिया गया।
पर मुख्य समस्या तब शुरू हुई जब सरकार द्वारा विकासनगर से भगाणी को जोड़ने के लिए लगभग 60 करोड़ की लागत से एक पुल का निर्माण कराया गया और वर्तमान में पुल तैयार भी हो गया है केवल हिमाचल की तरफ का सड़क कार्य अधूरा है जो की जल्दी ही पूरा होने की उम्मीद है. इस पुल से लगभग 25 पंचायतों के निवासियों लाभ मिलेगा।
परन्तु नियमानुसार जो की माइनिंग विभाग ने कन्फर्म भी किया है कि पूल से अपस्ट्रीम में 300 मीटर और डाउनस्ट्रीम में 200 मीटर तक खनन नहीं की जा सकती, परन्तु यह पूल बनने के बाद अभी तक इस दायरे में आने वाली लीज को कैंसिल नहीं किया गया है। और ऐसी जानकारी है कि इन्ही लीज के बलबूते नए क्रेशर की परमिशन भी ली जा रही है।
दिनांक 13.03.2024 को अधिकारियों की मौजूदगी में दोबारा से नियम के खिलाफ जा कर 300 मीटर के अंदर बुर्जिया लगायी गई। पुल के नीचे से 300 मीटर तक खनन का कार्य किया जा रहा है जो की अभी बने हुए नए पूल की लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर रहा हैं।
जिम्मेदार अधिकारीयों को इस पर ध्यान देने की अति आवश्यकता है अन्यथा ये पुल शुरू होने से पहले ही खनन माफियों के लालच की भेट चढ़ जाएगा।
किसानों का कहना है की जब लीज पर जमीन दी गयी थी तब यहाँ पुल नहीं था और अब पुल की सुरक्षा और माइनिंग नियमो को देखते हुए सभी 300 मीटर (सभी लीज अपस्ट्रीम पर है) तक आने वाली लीज को कैंसिल कर दिया जाना चाहिए ।
यहाँ किसानों ने ये भी कहा कि गांव नवादा के व्यक्ति जयपाल सैनी जो की अपने को एक बड़े नेता का करिबे बताते है ने जबरदस्ती खेती की भूमि जो की लीज पर नहीं है वहा पर भी बुर्जिया लगवा दी है। इस मुद्दे को NGT के समक्ष उठाने की भी तैयारी की जा रही है। बबिता देवी , रमेश कुमार , रोशन चौधरी , डीप चंद एवं अन्य लोगो ने इस विषय पर आला अधिकारियो को सूचित भी किया है