“यह मेरे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं””.. सुंदर सिंह की आंखों से बहने लगे आंसू, बह गई थी भैंसें…लेकिन रात में लौटी वापस!”

Khabron wala 

एक गरीब गुज्जर परिवार के लिए शुक्रवार का दिन किसी बुरे सपने से कम नहीं था, लेकिन रात होते-होते यह किसी चमत्कार में बदल गया। दरअसल, हिमाचल प्रदेश के नाहन उपमंडल के मोगीनंद गांव के रहने वाले सुंदर सिंह रोज़ की तरह अपनी भैंसों को पास की मारकंडा नदी के किनारे चराने गए थे। दोपहर का समय था और आसमान में बादल छाए हुए थे।

अचानक, ऊपरी इलाकों में मूसलाधार बारिश शुरू हो गई, जिससे कुछ ही मिनटों में नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ गया। देखते ही देखते शांत बह रही नदी का रूप रौद्र हो गया। पानी का बहाव इतना तेज़ था कि सुंदर सिंह की 15 भैंसें, कटड़े और कटड़ियां उसमें बहने लगीं। सुंदर सिंह ने अपनी जान की परवाह किए बिना उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन नदी की तेज़ धार के आगे वे कुछ न कर सके। उनकी आंखों के सामने ही उनका पूरा झुंड पानी में समा गया।

यह घटना पूरे गांव में फैल गई। गांव के लोग तुरंत इकट्ठा हुए और सुकेती पुल से लेकर हरियाणा की सीमा तक भैंसों की तलाश शुरू कर दी। कुछ लोगों ने तो हरियाणा के गांवों में भी संपर्क किया, क्योंकि मारकंडा नदी कुछ दूर आगे हरियाणा में प्रवेश करती है। इस घटना से पूरा गांव मायूस हो गया था, क्योंकि हर कोई जानता था कि सुंदर सिंह का परिवार इन्हीं पशुओं पर निर्भर था। एक भैंस की कीमत डेढ़ से दो लाख रुपये तक होती है, और यह केवल पशु नहीं थे, बल्कि उनकी रोजी-रोटी, उनका सहारा और उनका गौरव थे।

जब उम्मीद की किरण लगभग बुझ चुकी थी, तब रात करीब 11 बजे एक चमत्कार हुआ। गांव के लोग थककर लौट रहे थे, तभी बाड़े की दिशा से कुछ हलचल सुनाई दी। जब वहां जाकर देखा गया, तो सब हैरान रह गए। टिमटिमाते बल्ब की रोशनी में एक-एक करके उनकी सारी भैंसें वापस लौट रही थीं। वे पूरी तरह से भीगी हुई थीं, थकी हुई थीं और कांप रही थीं, लेकिन ज़िंदा थीं। यह नज़ारा देखकर सुंदर सिंह का पूरा परिवार दौड़ा और उन्होंने तुरंत भैंसों को पानी और चारा दिया। सुंदर सिंह की आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे। उन्होंने भावुक होकर कहा, “यह मेरे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। मैंने ख्वाजा जी महाराज को पुकारा था और उन्होंने मेरी सुन ली।”

हालांकि, पांच पशु—तीन कटड़ियां और दो कटड़े—अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है। ग्रामीणों और प्रशासन की टीमें हरियाणा तक खबर दे चुकी हैं, ताकि अगर वे किसी किनारे पर मिलें तो उन्हें वापस लाया जा सके। यह कहानी सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हो रही है, जहां लोग इसे गरीब की ममता और ईश्वर की कृपा बता रहे हैं। प्रशासन ने भी बरसात से प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा देने की बात कही है।

 

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