पांवटा साहिब में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई और रेंजर और रोवर्स इकाई द्वारा एक महेंदी प्रतियोगिता आयोजित की गई। एक जीवंत मेहंदी प्रतियोगिता के माध्यम से हरियाली तीज का जश्न मनाने के लिए कॉलिज परिसर में मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पारंपरिक त्यौहार का सम्मान करना, कलात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देना और छात्रों के बीच सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना है।
इस प्रतियोगिता में विभिन्न विभागों के छात्रों की उत्साहपूर्ण भागीदारी निभाई । प्रतिभागियों को अपनी मेहंदी डिज़ाइन दिखाने के लिए एक घंटे का समय दिया गया, जिसका मूल्यांकन रचनात्मकता, जटिलता और हरियाली तीज थीम के अनुपालन पर किया गया। डॉ. रितु पंत, प्रो. सुलक्षणा, प्रो. विम्मी रानी के निर्णायक पैनल के सामने शानदार डिजाइनों में से विजेताओं का चयन करने का चुनौतीपूर्ण काम था। प्रतियोगिता का समापन एक पुरस्कार समारोह के साथ हुआ जहां प्राचार्य डॉ. विभव कुमार शुक्ला ने विजेता बीएससी प्रथम की अंकिता, बीएससी की रुबिका को नकद पुरस्कार वितरित किए। इस प्रतियोगिता को करवाने में प्रोफेसर शीतल शर्मा ने अहम भूमिका निभाई जिसके लिए वह बधाई की पात्र है
पांवटा साहिब में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई और रेंजर और रोवर्स इकाई द्वारा एक महेंदी प्रतियोगिता आयोजित की गई। एक जीवंत मेहंदी प्रतियोगिता के माध्यम से हरियाली तीज का जश्न मनाने के लिए कॉलिज परिसर में मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पारंपरिक त्यौहार का सम्मान करना, कलात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देना और छात्रों के बीच सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना है।
इस प्रतियोगिता में विभिन्न विभागों के छात्रों की उत्साहपूर्ण भागीदारी निभाई । प्रतिभागियों को अपनी मेहंदी डिज़ाइन दिखाने के लिए एक घंटे का समय दिया गया, जिसका मूल्यांकन रचनात्मकता, जटिलता और हरियाली तीज थीम के अनुपालन पर किया गया। डॉ. रितु पंत, प्रो. सुलक्षणा, प्रो. विम्मी रानी के निर्णायक पैनल के सामने शानदार डिजाइनों में से विजेताओं का चयन करने का चुनौतीपूर्ण काम था। प्रतियोगिता का समापन एक पुरस्कार समारोह के साथ हुआ जहां प्राचार्य डॉ. विभव कुमार शुक्ला ने विजेता बीएससी प्रथम की अंकिता, बीएससी की रुबिका को नकद पुरस्कार वितरित किए। इस प्रतियोगिता को करवाने में प्रोफेसर शीतल शर्मा ने अहम भूमिका निभाई जिसके लिए वह बधाई की पात्र है