पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष व
प्रदेश कांग्रेस कमेटी महासचिव अजय सोलंकी जिला प्रशाशन व सरकार पर जमकर बरसे उन्होंने कहा जिला प्रशाशन कोरोना रोकने में पूरी तरह फैल हो गया है जिस कारण गोबिंदगढ़ मोहल्ला के लोगो को सड़कों पर उतरना पड़ा कियोंकि उनके साथ जिला प्रशाशन ने सौतेला व्यवहार किया उनका पूरा इलाका सील करने के वावजूद उन्हें किसी प्रकार की सहायता प्रशाशन से नही मिली न पानी ,न दूध ,न सब्जी की सप्लाई दी गई
सोलंकी का कहना था कि उनके मोहल्ला में कोरोना मामला कही से तो आया है ये चूक सबसे बड़ी प्रशाशन की है उसमें गोबिंदगढ़ के लोगो का क्या कसूर है, सील बंद होने के बाद उनके मोहल्ले में दो दिनों से पीने का पानी नही आ रहा | मूलभूत सुविधाओं में राशन व दूध जैसी जरुरतो के लिए किसी को कुछ मुहैया नही करवाया गया | ये सब जुमेवारी प्रशाशन की होती है
परन्तु गोबिंदगढ़ मोहल्ला के लोगो के साथ सौतेला व्यव्हार हो रहा है |
इतना ही नही सोलंकी ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एम्बुलेंस में क्षमता से अधिक लोगो को ठूस-ठूस कर टेस्ट के लिए लोगो को ले जाया,गया प्रशासन की इतनी बड़ी चूक जिसको कोरोना नही है उसे भी उसी गाड़ी में बैठाया गया ,सोलंकी का कहना है कि, इस स्थिति में जिनको नही है कोरोना उनको भी कोरोना होने का अंदेशा 100% बढ़ता जा रहा है | कोरोना मामलोें को लेकर स्वास्थ्य विभाग असमंजस में है। ये बहुत बड़ी लापरवाही है
स्वास्थ्य विभाग को जिनके नाम आये है उन्हें ही एम्बुलेंस में बिठाने चाहिए थे
जिसका खामियाजा नाहन वासियो को भुगतना पड़ रहा है। सोलंकी ने कहा कि सेंपल के लिए 108 में भेड़ बकरियों की तरह लोगों को ले जाया गया। साथ ही टेस्टिंग के बाद 108 लोगों को घर नहीं छोड़ रही जबकि लोग थक हार के 3-4 घंटे इंतजार के बाद खुद ही घर पैदल वापिस आ रहे हैं। ऐसे में ये लोग किसके दरबार में हाजरी भरें।
स्वास्थ्य विभाग के लोगो की बड़ी लापरवाही, देखने को मिली, नामों को लेकर
कोरोना मामले आते ही मोहल्ले में 108 आती है। 108 में तैनात स्वास्थ्य कर्मी को यह तक पता नहीं होता है कि किस नाम का व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है। और नेगेटिव लोगो को एम्बुलेंस में बिठाकर ले जाते है स्वास्थ्य विभाग की कितनी बड़ी लापरवाही देखने को मिली
गौरतलब है कि रविवार को 25 मामले मोहल्ला गोबिंदगढ़ में आए भी लोगों को रात आठ बजे के करीब सराहां कोविड केयर सेंटर ले जाया गया। इसके बाद फिर 108 एंबुलेंस आई और लोगों के नाम बता कर उन्हें गाड़ी में बैठने को कहा गया। जिस नाम का व्यक्ति गाड़ी में बैठता उसे कुछ दूरी पर जाकर कहा जाता है कि अपना नाम गलती से ले लिया आप नहीं है, यह नाम किसी ओर का है। ऐसा करीब एक दर्जन लोगोें के नाम गए गाड़ी में बिठाया गया, फिर गाड़ी से थोड़ी दूर उतार दिया गए। यह सिलसिला रात एक बजे तक चलता रहा सोलंकी ने कहा कि इतनी बड़ी लापरवाही जिला प्रशासन कैसे कर सकता है जिला प्रशासन को पहले नाम की सूची बनाकर फिर उन्ही लोगो को ले जाने चाहिए थे ,जिनके सूची में नाम हो परन्तु सरकार व प्रशासन पूरी तरह जिले में कोरोना को रोकने में फैल हो गई ,दिन प्रतिदिन मामले बढ़ रहे है कहि न कहि प्रशाशन की बहुत बड़ी चूक है जिसका खामियाजा पूरे सिरमौर को चुकाना पड़ सकता है उन्होंने सभी लोगो से अपील की है कि सभी लोग सावधनी बरते कोरोना हुए लोगो के लिए दुवा करे कि सभी लोग जल्द स्वस्थ हो इस महामारी से लोगो को खुद बचना चाहिए सरकार के पास कोई इंतजाम नही है ,न कोरोना हुए लोगो के लिए सुविधा है
गौरतलब है कि जिला के उपायुक्त नेताओं जनता यहां तक कि पत्रकारों के भी फोन उठाने से परहेज करते हैं पहले भी सुखराम चौधरी व बलदेव तोमर की पत्रकार वार्ता में पत्रकारों ने इस मुद्दे को उठाया था कि डीसी सिरमौर विफल साबित हो रहे हैं तथा उन को बदला जाए कोरोना महामारी के इस दौर में भी डीसी सिरमौर पत्रकारों के लिए मैसेज का जवाब तक नहीं दे रहे थे ऐसे में अब देखना यह होगा कि हिमाचल प्रदेश सरकार डीसी सिरमौर पर उनकी लापरवाही के लिए क्या कार्रवाई करेगी