नाहन के सेना सम्बन्धी भूमि विवाद को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक सेना स्थल पर सम्पन्न हुई, डॉ0 राजीव बिन्दल, माननीय विधानसभा अध्यक्ष ने इस बैठक की अध्यक्षता की। प्रशासन की ओर से उपायुक्त सिरमौर, डॉ0 आर0के0पूर्थी, एसडीएम नाहन श्री विवेक शर्मा, उप सचिव राजस्व श्री पी0के0टॉक, उप-सचिव सैनिक वेल्फेयर श्रीमती नीलम कौशल उपस्थित हुए। वहीं सेना की ओर से चीफ-ऑफ-स्टाफ वेस्टरन कमाण्ड, लै0 जनरल बाली, कर्नल श्री जगदीप सन्धु जो एस्टेट अफेयर, वेस्टरन कमाण्ड का कार्य देखते है, कर्नल अरविन्द शर्मा, कर्नल राज पुरोहित ने भाग लिया।
ज्ञातव्य रहे कि इस बैठक से पहले भी चार बैठके हो चुकी हैं जिसमें से 2 शिमला में व 2 वेस्टरन कमाण्ड कार्यलय में, इसके पश्चात पांचवीं बैठक नाहन में सम्पन्न हुई। नाहन में संपन्न हुई बैठक में 6 ऐजण्डों पर विस्तृत चर्चा हुई जिसमें प्रधान मन्त्री ग्रामीण सड़क योजना के अन्तर्गत निर्माणाधीन बनोग -धार क्यारी सड़क के निर्माण के लिए एन0ओ0सी0 दी जाये। इस मुददे पर शीघ्र निर्णय लिया जायेगा व सड़क में आने वाली सम्पूर्ण भूमि की नपाई करके केन्द को परमिशन के लिए हेतु प्रस्तुत किया जायेगा।
2. जो भूमि 1979 में सेना को हस्तांतरित की गई थी उसमें कुछ भूमि ऐसी थी जो मुजारों के पास थी और कुछ भूमि रास्ता इत्यादी में आती थी जिसको लेकर सेना बार बार यह आग्रह कर रही है कि इस भूमि की कमी को हिमाचल सरकार पूरी करे इसे सैद्धान्तिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है। मुजारों एवं एवं काब्जानों , (जो इसके मालिक बन चुके है) यह भूमि लगभग 120 एकड़ है।
3. सेना क्षेत्र में मकानों की रिपेयर व मेनटेनेन्स तथा नवीनीकरण के लिए सामान इत्यादी ले जाने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। पहले मेटेरियल ले जाने में कई प्रकार की दिक्कतें आती थी। पहले परमिशन का कार्य उपायुक्त के माध्यम से किया जाता था जिसे अब एसडीएम के माध्यम से किया जाएगा। परमिशन के सम्बन्ध में जो बैठक पहले तीन महिने में की जाती थी उसे घटाकर अब एक महिना करने का निर्णय हुआ। पूर्व में जो परमिशन की समयावधि 3 माह निर्धारित थी उसे बढ़ा कर 6 महीने करने का निर्णय लिया किया गया। आने वाले समय में इसे एक वर्ष करने पर सहमती भी बनी है।
क्षेत्र में रास्तों, मन्दिर इत्यादी के लिए आवागमन हेतु जनता को रूकावट न हो इस दिशा में सेना के लोग गम्भीरता बरते, इसे सैद्धान्तिक रूप से स्वीकार कर लिया गया।सातवां प्वाइंट ऐजण्डे का हिस्सा नहीं था फिर भी इस पर चर्चा हुई। सेना की ओर से निर्मित किए जा रहे ई0सी0एच0 अस्पताल के निर्माण में आ रही बाधा को दूर करने के साथ आम जन के लिए यहां से रास्ते का निर्माण करने के विषय पर परस्पर सहमति बनाकर इसका हल निकालने का निर्णय लिया गया।