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हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। कुल्लू में बीती मंगलवार रात करीब 11 से 12 बजे के बीच अखाड़ा बाजार के पास अचानक पहाड़ी से मलबा गिरा और एक रिहायशी मकान पर जा धमका। हादसे में दो लोग मलबे में दब गए।
मलबे में दबा मिला जवान
भूस्खलन में दबे NDRF के जवान को भी 24 घंटे बाद आज सुबह मलबे से बाहर निकाला गया। उसे तुरंत अस्पताल भेजा गया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। जवान का रेस्क्यू होना राहत भरी खबर जरूर है, लेकिन उसकी गंभीर स्थिति ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।
जानकारी के अनुसार, प्रभावित मकान में अलग-अलग कमरे में लोग रह रहे थे। एक कमरे में जवान जबकि दूसरे में दो कश्मीरी मजदूर रहते थे। हादसे के वक्त मलबा गिरने पर एक मजदूर खिड़की से बाहर निकलकर जान बचाने में सफल रहा, लेकिन उसका साथी मलबे में दब गया।
रिहायशी मकान पूरी तरह ढहा
भूस्खलन का मलबा सीधे घर की छत पर आ गिरा, जिससे छत पूरी तरह कंक्रीट और पत्थरों के मलबे में तब्दील हो गई। पूरा मकान ढह जाने के कारण दबे हुए लोगों तक पहुंचना मुश्किल हो गया। वहीं, जवान के जिंदा मिलने का बाद उनके परिवार के खुशी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लोग इसे कुदरता का करिश्मा कह रहे हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही DC कुल्लू तोरुल एस रवीश और SP कार्तिकेयन गोकुल चंद्रन मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। रातभर NDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी रहीं। इसी दौरान घटना के 24 घंटे के बाद जवान को जिंदा मलबे से निकाल लिया गया। मगर मजदूर का अभी कुछ पता नहीं चल पाया है।
फिलहाल, राहत दल लगातार मलबा हटाने में लगे हुए हैं और प्रशासन का कहना है कि दबे लोगों को निकालने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। इलाके में दहशत और मातम का माहौल है।












