नशेड़ियों का नया जुगाड़, फर्जी पर्चियों से मंगवा रहे नशीली दवाएं, इस निजी अस्पताल की पर्ची पकड़ीं

Khabron wala 

हिमाचल प्रदेश के नशे का प्रचलन बहुत ज्यादा बढ़ गया है। चंबा के युवा आनलाइन नशीली दवाएं मंगवा रहे हैं। हाल ही में सरोल के एक अस्पताल के नाम से फर्जी पर्ची बनाकर दवा मंगवाई गई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने चंबा में सक्रिय आठ प्रमुख कुरियर कंपनियों को कड़े दिशानिर्देश जारी किए हैं।

प्रेगाबालिन, टैपेंटाडोल, ट्रामाडोल और एल्प्राजोलाम जैसी दवाएं आनलाइन माध्यम से मंगवाई जा रही हैं और युवाओं के बीच नशे के रूप में इस्तेमाल हो रही हैं। ये सभी दवाएं असल में गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दी जाती हैं। प्रेगाबालिन तंत्रिका दर्द, मिर्गी और मानसिक तनाव में दी जाती है। टैपेंटाडोल और ट्रामाडोल का उपयोग तेज दर्द को कम करने के लिए होता है। वहीं एल्प्राजोलाम चिंता और नींद न आने की समस्या में दी जाती है लेकिन बिना डाक्टर की सलाह इनका सेवन करना खतरनाक हो सकता है। लगातार सेवन से चक्कर आना, बेहोशी, सांस लेने में दिक्कत, लत लगना और कभी-कभी जान का खतरा भी हो सकता है।

कुरियर कंपनियों को दिए दिशा निर्देश

प्रशासन ने कुरियर कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि रजिस्टर में मंगवाने वाले व्यक्ति का नाम, पता, आधार संख्या, मोबाइल नंबर तथा जिस चिकित्सक अथवा संस्थान द्वारा दवा भेजी गई है, उसकी भी पूरी जानकारी दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। दवा संबंधित कोई भी पार्सल बिना आधार कार्ड और नाम मिलान किए संबंधित व्यक्ति को न सौंपा जाए। यदि आवश्यक समझा जाए, तो पार्सल लेने वाले व्यक्ति की तस्वीर भी खींचकर रिकार्ड में रखी जाए। विभाग ने इन कंपनियों को यह भी आदेश दिए हैं कि प्रत्येक माह की समाप्ति पर यह रिपोर्ट प्रस्तुत करें कि कितने पार्सल दवा से संबंधित प्राप्त हुए, वे कहां से आए और किसे सौंपे गए।

चंबा जिला के सलूणी उपमंडल के कोटी क्षेत्र में एक आनलाइन कुरियर सेवा से फर्जी तरीके से मंगवाए गए 4000 प्रेगाबालिन कैप्सूल व 490 पैरासिटामोल टैबलेट को ड्रग्स इंस्पेक्टर चंबा लवली ठाकुर व एएनटीएफ (सीआइडी कांगड़ा यूनिट) की संयुक्त टीम ने दबिश देकर जब्त किया है। जब्त की गई दवाओं की कुल कीमत लगभग 46,000 रुपये आंकी गई है। दवाएं बिना बिल व डाक्टर की पर्ची के पाई गईं। ये दवाएं मंजीर, सलूणी, किहार व डियूर क्षेत्र के कुछ युवाओं के नाम पर मंगवाई गई थीं। मामले में औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। सभी दवाएं पांच अगस्त को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) चंबा के समक्ष पेश की जाएंगी।

 

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