( जसवीर सिंह हंस ) कांगड़ा ज़िले के नूरपुर के समीप सोमवार को हुई बस दुर्घटना के बाद प्रदेश सरकार कड़ी कारवाही की बात कर रही है मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में इस प्रकार के हादसे न हो, इसके लिए राज्य सरकार शीघ्र ही सुझावों के लिए एक समिति का गठन करेगी।
वही शहर के निजी स्कूल मोटी फीस वसूल रहे है तथा निजी स्कूल में हजारो रुपये की एडमिशन फीस बिल्डिंग फण्ड बस फीस के नाम पर मोटी वसूली हो रही है परन्तु बच्चो की सुरक्षा के नाम पर सभी फेल हो जाते है शहर का एक नामी स्कूल जिसमे बच्चो की एडमिशन करवाने के लिए मंत्रियो तक की सिफारिश की जाती है व व इस स्कूल की शहर में कई ब्राचे है इसका का भी हाल कुछ सही नहीं है इस स्कूल की बसों में बच्चो को ठूस ठूस कर भरा जाता है व बच्चो को बसों में दूर दूर तक खड़ा करके ले जाया जाता है जबकि मोटी बस फीस वसूली जाती है |
निजी स्कूल की बसों मे भी ओवरलोडिंग हो रही है | सी.बी.एस.ई. की गाइडलाइन्स को भी नही माना जा रहा है जिसके अनुसार स्कूल के बच्चो को केवल सीट पर बैठकर ही बस ले जा सकती है तथा कोई बच्चा बस में खड़ा होकर नहीं जा सकता | परन्तु एक बात तो है कि यदि ऐसा है तो परिवहन विभाग स्कूल बस को कैसे पास कर देता है परिवहन विभाग स्कूल बसों को चेक करके चालन क्यों नहीं करता |
गत वर्ष स्कूल की बसों के चालान भी हुए थे जिसके बाद एक बड़े निजी स्कूल संचालक पुलिस अधिकारियो पर राजनेताओ से दबाव डालने लग गये थे यहाँ तक की खाबरोंवाला को एक निजी स्कूल ने तो खबरे प्रकाशित करने पर दबाव डाला व अपने स्टाफ को ऑफिस में भेजकर धमकिया भी दी थी | व अंत में मानहानि का केस करने की धमकी तक दे डाली थी |गत दिनों इस स्कूल की बस का विडियो भी वायरल हुआ था
वही इस बारे मे कई स्कूल के प्रिंसिपल से बात की गयी तो किसी ने ड्राईवर न होने का किसी ने लास्ट ट्रिप का बहाना बनाया परन्तु भारी भरकम फीस वसूल रहे स्कूल बच्चो की जिनगी के साथ खिलवाड़ न ही करे तो बेहतर है | वही इस बारे में फायर ऑफिसर का कहना है कि सभी स्कूल की बसों में co2 गैस सिलेंडर होना भी जरुरी है ताकि किसी आग आदि की दुर्घटना से निपटा जा सके परन्तु यदि किसी स्कूल की बस में ऐसा नहीं है तो ये देखना पुलिस व परिवहन विभाग की जिमेवारी है |
इसी लापरवाही का नतीजा था कि वर्ष भी एक निजी स्कूल स्कूल के ड्राईवर ड्राइवर सुबह आठ बजे शराब स्कूल की बस को खेत में उतार दिया था इसके बाद यह स्कूल बस पलट गई। वही गत दिनों भी एक नशेडी द्वारा भी एक स्कूल की वैन लेकर भाग जाने का मामला सामने आया था | वही गत दिवस हुए स्कूल बस हादसे के बाद सिरमौर का जिला प्रशासन स्कूल के समय किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचने ओर बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने करने के लिए सड़कों के साथ लगते सभी स्कूलों के पास स्पीड ब्रेकर,स्पीड लिमिट बोर्ड और सडक पार करने के लिए जेब्रा क्रासिंग लगाने की बात कह रहा है ।