मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि नशे की बुराई से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास करने की नितांत आवश्यकता है तथा नशे के दुष्प्रभावों के बारे जागरूकता लाने के लिए एक जन आनंदोलन आरम्भ किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री आज सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा रिज मैदान पर ‘नशे के विरुद्ध’ आरम्भ किए गए विशेष अभियान के अवसर पर लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। नशा निवारण और शराबबंदी का यह विशेष अभियान प्रदेश के सभी जिलों में आरम्भ किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज से इस बुराई को मिटाने के लिए प्रदेश सरकार ने बहुआयामी रणनीति तैयार की है। उन्होंने कहा कि एक माह तक चलने वाला यह अभियान इस रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह अभियान औपचारिकता मात्र ही नहीं है बल्कि इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के बेहतर समन्वय के द्वारा इन प्रयासों को फलीभूत किया जा सकता है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि लोगों को जागरूक करने में चिकित्सक अपनी अहम भूमिका सकते हैं। इसी प्रकार, अध्यापक विद्यार्थियों को जागरूक कर नशे से दूर रहने को प्रेरित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को नशे के माफिया से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए ताकि नशा तस्करों व इससे जुड़े लोगों के जाल को तोड़ा जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि यह उनके द्वारा किए गए प्रयासों के ही परिणाम है कि नशे के विरुद्ध अभियान चलाने और कारगर नीति अपनाने के लिए सात उत्तरी राज्य एक साथ मिले। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से इस सामाजिक बुराई से निपटने के लिए संयुक्त रणनीति भी तैयार की तथा सूचना का आदान-प्रदान भी सम्भव हो सका। प्रदेश सरकार ने राज्य में पांच नशा मुक्ति केन्द्र खोलने का निर्णय लिया है, जिनमें पहला आज न्यू शिमला के निजी अस्पताल में स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से नशे के आदी लोगों को इस सामाजिक बुराई से बाहर आने में सहायता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्यटन निगमों के होटलों को भी प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह प्रयास हिमाचल प्रदेश को वास्तव में ‘देव भूमि’ बनाने में मील का पत्थर साबित होंगे।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आॅनलाइन न्यू शिमला में नशा मुक्ति केन्द्र और हिमाचल प्रदेश राज्य मनोरोग चिकित्सा प्राधिकरण की वेबसाइट का शुभारम्भ किया। उन्होंने लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए पोस्टर तथा शिमला जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई प्रचार समग्री भी जारी की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नशा निवारण रैली को भी रवाना किया। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के योग विभाग के छात्रों ने इस अवसर पर भव्य प्रस्तुति दी।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश में नशे के बढ़ते मामले निसंदेह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि हमारा पड़ोसी राज्य पंजाब जो कभी गुरुओं की भूमि और देश का ‘फूडवाउल’ के नाम से जाना जाता था, आज नशे के चंगुल में बुरी तरह से फंसा हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस सामाजिक बुराई से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं परंतु और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य शिक्षा विभाग ने नशे के दुष्प्रभावों को पाठयक्रम में शामिल किया है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि किसी भी देश का भविष्य वहां के युवाओं पर निर्भर करता है, परंतु दुर्भाग्यवश आज के युवा नशे के जाल में फंस रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नशा मुक्ति केन्द्रों को स्थापित किया गया है ताकि युवा नशे से चंगुल से बाहर आ सके। उन्होंने विभाग द्वारा नशा निवारण पर लोगों को जागरूक करने के लिए चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता निशा सिंह ने कहा कि लोगों को नशे की बुराई से अवगत करने के लिए एक माह तक चलने वाला यह विशेष अभियान आज से पूरे प्रदेश में आरम्भ हो गया है। उन्होंने कहा कि इस विशेष अभियान के दौरान प्रदेश में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा, महापौर नगर निगम शिमला कुसुम सदरेट, उप-महापौर राकेश, मुख्य सचिव डाॅ. श्रीकान्त बाल्दी, पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी, अध्यक्ष हिमफैड गणेश दत्त, सक्षम गुडिया बोर्ड के अध्यक्ष रूपा शर्मा, महासचिव बाल कल्याण परिषद पायल वैद्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार, सचिव डाॅ. आर.एन. बत्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने शिमला में आयोजित किए जा रहे आॅल इंडिया सिविल सर्विस टूनामेंट की टीम को हरी झण्डी दिखाई। इस टूनामेंट में लगभग 35 टीमें भाग ले रही हैं।