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हिमाचल प्रदेश में अब किसी भी स्कूल को एडमिशन के लिए बच्चों या उनके अभिभावकों का इंटरव्यू लेने की अनुमति नहीं होगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक डॉ. पंकज ललित (IAS) ने ‘हिमाचल प्रदेश अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन सेंटर्स (रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन) एक्ट, 2017’ के तहत यह नई एडवाइजरी जारी की है।
इस कदम का उद्देश्य छोटे बच्चों पर मानसिक दबाव कम करना और शिक्षा प्रणाली को अधिक बाल-अनुकूल (Child Friendly) बनाना है।
नई एडवाइजरी की मुख्य बातें
किसी भी स्कूल को एडमिशन के लिए बच्चों या अभिभावकों का इंटरव्यू लेने की अनुमति नहीं होगी।
3 से 6 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों के लिए एक क्लास में अधिकतम 20 बच्चे ही होंगे।
कक्षाएं केवल सुबह की शिफ्ट में (3–4 घंटे) चलाई जाएंगी।
3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए अलग बिल्डिंग और प्रवेश-द्वार अनिवार्य होंगे।
छोटे बच्चों की कक्षाएं बड़े बच्चों के साथ एक ही भवन में नहीं चलाई जा सकेंगी।
विभाग ने कहा है कि यह पहल राज्य में प्रारंभिक शिक्षा प्रणाली को सुरक्षित, संवेदनशील और मानकीकृत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।