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हिमाचल प्रदेश में इस वक्त आसमान साफ और हवाएँ सर्द हैं, लेकिन कृषि और जल आपूर्ति के लिए चिंता का विषय यह है कि मौसम पूरी तरह से सूखा बना हुआ है। राज्य ने नवंबर के शुरुआती पंद्रह दिनों में वर्षा की भारी कमी दर्ज की है, जो सामान्य से 86 प्रतिशत कम है। यह स्थिति संकेत दे रही है कि पहाड़ों पर इस वर्ष की शुरुआत में नमी की कितनी कमी है।
प्रमुख स्थानों पर संकटपूर्ण स्थिति
कई क्षेत्रों में सूखे की स्थिति अत्यधिक गंभीर है। विशेष रूप से, सिरमौर जिले में सामान्य बारिश से 100 प्रतिशत की शून्य कमी दर्ज की गई है, जबकि मंडी और शिमला जैसे क्षेत्रों में भी यह आँकड़ा 99 प्रतिशत की चिंताजनक कमी को दर्शाता है। शनिवार को राजधानी शिमला समेत अधिकांश हिस्सों में मौसम पूरी तरह से खुला और धूप वाला रहा, लेकिन इसका अर्थ यह है कि प्राकृतिक रूप से पानी की पूर्ति नहीं हो रही है।
कड़ाके की ठंड और गिरता पारा
मैदानी इलाकों में धूप खिलने के बावजूद, सुबह और शाम की ठंडक बरकरार है। रात का न्यूनतम तापमान लगातार नीचे गिर रहा है, जिससे राज्य के कई हिस्से शीतलहर की चपेट में आ रहे हैं। प्रदेश के 27 अलग-अलग स्थानों पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे दर्ज किया गया है। लाहौल-स्पीति के ऊँचे इलाकों, जैसे केलांग, कुकुमसेरी, और ताबो में तो पारा शून्य से भी नीचे चला गया है।
आगे का मौसम पूर्वानुमान
शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र का अनुमान है कि मौसम की यह शुष्कता और ठंड अगले कुछ दिनों तक बनी रहेगी। पूरे प्रदेश में 21 नवंबर तक मौसम साफ रहने की संभावना है। इस अवधि के दौरान वर्षा या बर्फबारी की कोई उम्मीद नहीं है, जिससे यह शुष्क मौसम का दौर फिलहाल जारी रहेगा।











