हिमाचल के असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर भी आया जांच एजेंसी ED के रडार पर , छापेमारी जारी छापेमारी जारी

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में तैनात असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के घेरे में हैं. भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले में ED ने हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में सर्च ऑपरेशन शुरू किया है. इस कार्रवाई में निशांत सरीन, उनके ससुर रमेश कुमार गुप्ता और करीबी सहयोगी कोमल खन्ना से जुड़े ठिकानों पर तलाशी ली जा रही है. ED के सूत्रों के मुताबिक, यह ऑपरेशन कई सबूतों और बयानों के आधार पर चलाया जा रहा है.

रिपोर्ट के अनुसार निशांत सरीन को 11 सितंबर 2019 को हिमाचल प्रदेश पुलिस ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था. उस समय सोलन में विजिलेंस और एंटी-करप्शन ब्यूरो ने पंचकुला की एक फार्मा कंपनी, जेनिया फार्मास्युटिकल्स से सरीन के आयकर रिटर्न और अन्य दस्तावेज बरामद किए थे. जांच में पता चला कि सरीन सरकारी नौकरी के साथ-साथ इस कंपनी को चला रहे थे जो नियमों के खिलाफ था. उनके पास जेनिया फार्मास्युटिकल्स के नाम पर रजिस्टर्ड मोटरसाइकिल, डेबिट कार्ड और 80,000 रुपये का महंगा मोबाइल फोन भी मिला था.

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हिमाचल में कार्यरत असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर भी आया जांच एजेंसी ED के रडार पर

Reported by:

शंकर आनंद

Last Updated:June 22, 2025, 14:13 IST

ED Action in himachal: ED ने हिमाचल, पंजाब और हरियाणा में असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन, उनके ससुर रमेश कुमार गुप्ता और सहयोगी कोमल खन्ना के ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया है.

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ED Action in Himachal: हिमाचल प्रदेश के बद्दी में तैनात असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के घेरे में हैं. भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले में ED ने हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में सर्च ऑपरेशन शुरू किया है. इस कार्रवाई में निशांत सरीन, उनके ससुर रमेश कुमार गुप्ता और करीबी सहयोगी कोमल खन्ना से जुड़े ठिकानों पर तलाशी ली जा रही है. ED के सूत्रों के मुताबिक, यह ऑपरेशन कई सबूतों और बयानों के आधार पर चलाया जा रहा है.



हिमाचल प्रदेश के बद्दी में तैनात असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय ED की जांच के घेरे में हैं.

रिपोर्ट के अनुसार निशांत सरीन को 11 सितंबर 2019 को हिमाचल प्रदेश पुलिस ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था. उस समय सोलन में विजिलेंस और एंटी-करप्शन ब्यूरो ने पंचकुला की एक फार्मा कंपनी, जेनिया फार्मास्युटिकल्स से सरीन के आयकर रिटर्न और अन्य दस्तावेज बरामद किए थे. जांच में पता चला कि सरीन सरकारी नौकरी के साथ-साथ इस कंपनी को चला रहे थे जो नियमों के खिलाफ था. उनके पास जेनिया फार्मास्युटिकल्स के नाम पर रजिस्टर्ड मोटरसाइकिल, डेबिट कार्ड और 80,000 रुपये का महंगा मोबाइल फोन भी मिला था.

ED की मौजूदा कार्रवाई में सरीन, रमेश कुमार गुप्ता और कोमल खन्ना के आवासीय और व्यावसायिक ठिकानों पर तलाशी चल रही है. यह ऑपरेशन ड्रग से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच का हिस्सा है. ED को शक है कि सरीन ने अपने पद का दुरुपयोग कर फार्मा कंपनियों से अनुचित लाभ लिया. कोमल खन्ना, जो सरीन की करीबी सहयोगी बताई जाती हैं, भी इस मामले में संदिग्ध हैं. रमेश कुमार गुप्ता का नाम भी जांच में सामने आया है, हालांकि उनकी सटीक भूमिका अभी स्पष्ट नहीं है.

विजिलेंस ने सरीन के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में अभियोजन की मंजूरी मांगी थी. उस समय सरीन पर आरोप था कि उन्होंने बद्दी के फार्मा हब में तैनाती के दौरान नियमों को तोड़कर कंपनियों को फायदा पहुंचाया. इस मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में जमानत याचिका भी दायर की गई थी.

ED की ताजा कार्रवाई से हिमाचल के फार्मा उद्योग में हड़कंप मच गया है. बद्दी भारत का प्रमुख फार्मा हब है. पहले भी भ्रष्टाचार के आरोपों से चर्चा में रहा है. ED ने इस ऑपरेशन में कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं जो सरीन और उनके सहयोगियों की वित्तीय गतिविधियों की जांच में मदद करेंगे. जांच एजेंसी को शक है कि सरीन ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर अवैध संपत्ति अर्जित की.

हिमाचल, पंजाब और हरियाणा में चल रहे इस सर्च ऑपरेशन से भ्रष्टाचार के खिलाफ ED की सख्ती जाहिर होती है. ED ने हाल के महीनों में ड्रग तस्करी और भ्रष्टाचार से जुड़े कई मामलों में कार्रवाई तेज की है. सरीन का मामला भी इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है.

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