ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी के विधानसभा क्षेत्र पावटा साहिब में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि मंत्री बनने के बावजूद भी सुखराम चौधरी की अफसर आखिर क्यों नहीं सुन रहे हैं विरोधियों का तो यहां तक कहना है कि सुखराम चौधरी को एक गुट के दबाव के बाद ही मंत्री बनाया गया है तथा अफसरशाही भी सुखराम चौधरी की बात आखिर क्यों नहीं मान रही
गौरतलब है कि आज सुबह अखबार की सुर्खियां बनी थी कि सुखराम चौधरी ऊर्जा मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार अफसरशाही से इतने परेशान हुए की बुधवार को योजना बोर्ड की बैठक में ऊर्जा मंत्री ने विकास कार्यो के लंबित होने का मुद्दा उठाया और फाइलों की तमाम औपचारिकताएं पूरी होने के बावजूद फाइलें पेंटिंग रखी गई है ऊर्जा मंत्री इसके बाद मुख्यमंत्री से भी मिले तथा विस्तार से मुद्दे को उठाया विपक्ष के विधायकों द्वारा इस तरह के मुद्दों को उठाया जाना आम बात है परंतु एक मंत्री के द्वारा ही इस तरह का मुद्दा उठाना सरकार पर सवालिया निशान खड़ा करता है
ऐसे में पावटा साहिब का विकास कैसे होगा जबकि अक्सर ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी के विकास कार्यों पर उठाए गए मुद्दों की ही अनदेखी कर रहे हैं ऊर्जा मंत्री ने खनन पट्टों की लीज व अन्य मुद्दों को लंबित रखे जाने पर सवालिया निशान लगाया है अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री कोई कार्रवाई करेंगे या फिर यह मुद्दा भी फाइलों की तरह दब जाएगा तथा ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी की अनदेखी अफसर करते रहेंगे












