जिला सिरमौर के दूर दराज क्षेत्रों में निजी बस संचालक ओवरलोडिंग से बाज नहीं आ रहे हैं। सिरमौर में एक के बाद एक सामने आ रहे सड़क हादसों से निजी बस चालकों पर कोई असर नहीं पड़ा है। दो दिन पहले खडकोली निजी बस स्कूल हादसा, नवम्बर माह में जलाल पुल बस हादसा ऐसे नासूर जख्म दे गए हैं जिसकी पूर्ति जीवन भर नहीं हो सकती। तीन माह के भीतर दोनों बस हादसों में 18 जिंदगियां खत्म हो चुकी है। वहीं इन्हीं दो हादसों में पांच दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। बावजूद इसके भी निजी बस संचालक हादसों की परवाह नहीं कर रहे है।
जिला सिरमौर के शिलाई समेत अन्य दुर्गम क्षेत्रों के रूटों पर मौत का सफर जारी है। थोड़े मुनाफे के चक्कर में निजी बस चालक और परिचालक सवारियों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। अब भी निजी बसों में छतों पर ओवरलोडिंग का सिलसिला जारी है। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने छतों पर सवारियों को बिठाने वाले चालकों व परिचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। यहां तक कि प्रशासन ने ऐसे बस ऑपरेटरों का रूट लाइसेंस रद्द करने की भी हामी भरी है। इसके बाद भी निजी बस संचालकों पर इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है।