मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान एवं महाविद्यालय (आईजीएमसी) के सभागार का नाम ‘अटल सभागार’ रखने की औपचारिक रस्म पूरी की। उन्होंने इस अवसर पर आईजीएमसी की वैबसाइट का शुभारम्भ भी किया। उन्होंने एक स्मारिका का प्रकाशन भी किया। उन्होंने हैपेटाईटिस-बी पर प्रचार सामग्री भी जारी की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को उनके घर-द्वार के समीप बेहतर स्वास्थ्य उपचार सेवाएं सुनिश्चित बनाएगी, वह आज यहां आईजीएमसी की सीएसए 2017-18की सांस्कृतिक संध्या तथा वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में सम्बोधित कर रहे थे।
श्री जय राम ठाकुर ने सीएसए के सदस्यों तथा स्टाफ व विद्यार्थियों को इतने बेहतर प्रदर्शन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि व्यस्तता के बावजूद तैयारियों के लिए समय निकालना बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा व्यवसाय एक आदर्श व्यवसाय है, जिसके लिए उच्च प्रतिबद्धता और समर्पण की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के मौजूदा स्वास्थ्य संस्थानों को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसके लिए इन संस्थानों में पर्याप्त अधोसंरचना तथा स्टाफ प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी राज्य का सर्वाधिक प्रतिष्ठित संस्थान है और इसका श्रेय संस्थान में कार्य कर रहे स्टाफ, विद्यार्थियों तथा अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के प्रभावी प्रबन्धन के लिए मेडिकल विश्वविद्यालय की स्थापना करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य को योग्य चिकित्सक प्रदान करने के लिए हमीरपुर में शीघ्र ही मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार कॉलेज में दंत इकाई को भी मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने राज्य के लिए एम्स स्वीकृत किया है जो शीघ्र ही बिलासपुर ज़िले के कोठीपुरा में खोला जाएगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि राज्य सरकार के वर्तमान कार्यकाल में स्वास्थ्य क्षेत्र में तीव्र विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मानक राष्ट्रीय औसत तथा अन्य राज्यों की तुलना में कहीं आगे है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार महज बड़े-बड़े दावे करने पर नहीं, बल्कि काम करने पर विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों को आवश्यक उपकरणों तथा स्टाफ से सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने चुनावों के दृष्टिगत अपने कार्यकाल के अन्तिम दिनों में घोषणाएं की।
उन्होंने कहा कि राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से चिकित्सकों के 200 और पदों को भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने कार्यभार संभालने के उपरान्त चिकित्सकों के 262 पद भरे। उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों को सुदृढ़ करने के लिए पैरामेडिकल के स्टाफ को शीघ्र भरा जाएगा।
आईजीएमसी के प्राचार्य डॉ. रवि शर्मा ने मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा महाविद्यालय की गतिविधियों का ब्यौरा दिया।
आईजीएमसी सीएसए के महासचिव नवनीत शर्मा ने वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी तथा प्रशिक्षु चिकित्सकों का वजीफा (स्टाईफंड) 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने विद्यार्थियों की विभिन्न मांगे भी रखी।
आईजीएमसी सीएसए के अध्यक्ष शुभम रघुवंशी ने भी मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा एसोसिएशन की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी डॉ. साधना ठाकुर, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य बी.के. अग्रवाल, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. अशोक शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जनकराज, राजकीय दन्त महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर.पी. लुथरा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।