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हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पंचायत के तकनीकी सहायक ने मात्र एक हजार के लिए अपने इमान को बेच दिया। विजिलेंस की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इस तकनीकी सहायक को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी मंडी जिला की कसाण पंचायत में तकनीकी सहायक के पद पर तैनात है।
काम के एस्टीमेट के एवज में ली रिश्वत
आरोपी पंचायत के तकनीकी सहायक संजय कुमार पर आरोप है कि उसने एक पंचायत समिति सदस्य से काम का एस्टीमेट तैयार करने की एवज में एक हजार की रिश्वत मांगी थी। जिसमें से 500 रुपए वह पहले ही ले चुका था, लेकिन जब वह दूसरी किस्त के रूप में 500 रुपए ले रहा था, तभी विजिलेंस की टीम ने उसे रंगे हाथ ही दबोच लिया।
सूत्रों के अनुसार आरोपी तकनीकी सहायक संजय कुमार ने तीन दिन पहले ही 500 रुपये अग्रिम रूप से ले लिए थे और शेष 500 रुपये की राशि लेते समय विजिलेंस टीम ने उसे पकड़ लिया। शिकायत मिलने के बाद राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जाल बिछाकर यह कार्रवाई की। जैसे ही आरोपी ने शिकायतकर्ता से 500 रुपये की रकम ली, विजिलेंस की टीम ने मौके पर पहुंचकर उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। टीम ने आरोपी के कब्जे से रिश्वत की राशि बरामद कर ली है।
राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक कुलभूषण वर्मा ने मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है और आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है। वहीं एसपी वर्मा ने कहा कि शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम ने आरोपी को मौके पर ही रिश्वत की रकम के साथ पकड़ा। ऐसे मामलों में किसी भी सरकारी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।
घटना के बाद क्षेत्र में विजिलेंस की कार्रवाई की चर्चा जोरों पर है। कसाण पंचायत के लोगों ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि इससे पंचायत स्तर पर चल रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। ग्रामीणों का कहना है कि छोटे स्तर पर होने वाला रिश्वतखोरी का खेल विकास कार्यों को प्रभावित करता है और सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों तक सही ढंग से नहीं पहुंच पाता।
विजिलेंस विभाग ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर सख्ती से अमल किया जा रहा है। विभाग ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी द्वारा रिश्वत की मांग की जाती है, तो इसकी तुरंत सूचना विजिलेंस हेल्पलाइन नंबर या नजदीकी ब्यूरो कार्यालय में दें।












