विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। हिमाचल की राजनीति में चाणक्य कहे जाने वाले पूर्व केंद्रीय संचार राज्यमंत्री पंडित सुखराम ने बीजेपी का दामन थाम लिया हैं। उनके साथ बेटे व वीरभद्र सरकार में पशुपालन विभाग का जिम्मा संभाले अनिल शर्मा व पोते आश्रय शर्मा भी बीजेपी में शामिल हुए हैं। दरअसल कुछ समय पहले अनिल शर्मा के बीजेपी में शामिल होने की बात उठी थी पर उन्होंने इसे महज अफवाह करार दिया था। इस के पीछे अहम कारण यह माना जा रहा है कि वरिष्ठ नेता पंडित सुखराम को पार्टी से पिछले कुछ दिनों से तरजीह नहीं दे रही है। इसके चलते उन्होंने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया है। इसके अलावा सुखराम अपने पोते के लिए भी टिकट चाह रहे थे। मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने कुछ समय पहले बीजेपी के नेताओं के समक्ष पार्टी का दामन थामा।
बीजेपी लगातार कर रही थी कांग्रेस में सेंध लगाने की कोशिश
जाहिर है कि बीजेपी पिछले काफी समय से कांग्रेस के कद्दावर नेताओं को अपने साथ लाने की कोशिश कर रही है। इस कड़ी में सबसे पहला नाम परिवहन मंत्री जीएस बाली का जुड़ा था। लेकिन उनके नाम पर सहमति नहीं बन पाई थी। अब बीजेपी सुखराम को अपने साथ मिलाकार चुनाव से पहले कांग्रेस पर जोरदार हमला किया हैं। वैसे कांग्रेस अपने कद्दावर नेताओं को इतनी आसानी से छिटकने नहीं देगी। सुखराम को अपने साथ बनाए रखने के लिए कांग्रेस हर कोशिश करेगी।
शिंदे से मुलाकात कर सुखराम ने बताई अपनी शर्त
वहीं, पंडित सुखराम ने हिमाचल कांग्रेस प्रभारी सुशील कुमार शिंदे से भी मुलाकात की है। माना जा रहा है कि अगर पंडित सुखराम की शर्तों पर पार्टी राजी नहीं हुई तो वो कांग्रेस छोड़ने का कदम उठा सकते हैं। गौरतलब है कि मंडी में हुई कांग्रेस की रैली में पूर्व मंत्री सुख राम को न्योता नहीं दिया गया था। जिस वजह से वो रैली में शामिल नहीं हुए थे। इससे पहले भी उनके सीएम वीरभद्र सिंह से मतभेद खुलकर सामने आए हैं। ऐसे में अगर वो बीजेपी में शामिल हो जाते हैं तो यह प्रदेश कांग्रेस को बड़ा झटका हो सकता है और मंडी जिला में बीजेपी की पकड़ मजबूत हो जाएगी। बता दें कि मंडी जिला में पंडित सुखराम की काफी पैठ है। इसी के चलते उनका प्रभाव वहां की जनता पर है। ऐसे में वो मंडी जिला में चुनाव की दिशा बदल सकते हैं।