पांवटा साहिब : इस्कॉन नाम हार्ट सेंटर द्वारा मनाई गई जन्माष्टमी : 51 प्रकार के द्रव्य से हुआ राधाकृष्ण का महाभिषेक , गूंजे हरे कृष्ण मंत्र

पांवटा साहिब इस्कॉन नाम हार्ट सेंटर द्वारा  गोयल धर्मशाला के हॉल  में हरे कृष्ण महामंत्र हरिनाम संकीर्तन के बीच कान्हा ने जन्म लिया। 51 प्रकार के द्रव्यों से राधा कृष्ण का महाभिषेक हुआ। पूरा परिसर भगवान कृष्ण के जयकारे से गूंज उठा। 5  घंटे से हरे कृष्ण संकीर्तन पर झूम रहे भक्तों के लिए यह क्षण भावुक रहा। जन्मोत्सव के बाद भी भक्त लगातार भजन में झूमते रहे। मध्य रात्रि तक
हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए और प्रसाद ग्रहण किया। शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महामहोत्सव का उल्लास शाम से ही नजर आ रहा था। भारतीय एवं आधुनिक शैली में बने परिधानों व विभिन्न प्रकार के सुगंधित फूलों से भगवान का श्रृंगार किया गया

भक्ति संगीत व श्रीकृष्ण जीवन पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनोहारी प्रस्तुति दी। रात्रि 9 बजे से  पुजारी जी  ने श्रीकृष्ण प्राकट्योत्सव में 51 रजत कलशों से 51 प्रकार के द्रव्य दूध, दही, घी, शर्करा, शहद व औषधीय द्रव्यों से महाअभिषेक करवाया। इस महाअभिषेक में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। ऐसा पांवटा साहिब में पहली बार हुआ। इसके बाद 56 प्रकार के व्यंजनों का महाभोग अर्पित हुआ। भक्तों ने राधाकृष्ण की महाआरती उतारी। इसके बाद पूरा परिवेश कृष्णमय हो गया।

इस्कॉन नाम हार्ट सेंटर का आयोजन ऐतिहासिक इसलिए था कि पांवटा साहिब में पहली बार इतने बड़े स्तर पर भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति, भक्तों का नृत्य, भजन, पूजन और आराधना का केंद्र एक बड़ा डोम था जिसे इस्कॉन ने बनाया। शाम 7 बजे से शुरू हुआ महामहोत्सव देर रात 1.30 बजे समाप्त हुआ। कार्यक्रम में हजारों लोग शामिल हुए। सभी भक्तों के लिए महाप्रसाद अर्थात भोजन और निरंतर प्रसाद की व्यवस्था थी। रात 12 बजे भगवान के प्राकट्योत्सव के पुष्पों की होली के साथ ही महामहोत्सव समाप्त हुआ।

इस्कॉन नाम हार्ट सेंटर प्रचार केंद्र के प्रभारी ने  बताया कि यह पांवटा साहिब में इस्कॉन का कृष्ण जन्माष्टमी महामहोत्सव का तीसरा आयोजन है और हर साल भक्तों की संख्या बढ़ रही है इस बार 2000 से अधिक भक्तों ने हमारे कार्यक्रम में शामिल हुए। सभी के सहयोग से यह कार्यकम संपन्न हुआ। भक्तों के द्वारा नित्य सेवा की जाती है जिसके कारण इस केंद्र का संचालन संभव हो पा रहा है।

इस्कॉन  के  पुजारी ने महामहोत्सव में कहा की हर व्यक्ति को अपने जीवन में भगवान से कृष्ण को शामिल करना चाहिए। उनकी भक्ति में जो परम आनंद है वह कहीं और नहीं। हरे कृष्ण महामंत्र का हर दिन कम से कम दो माला का जाप करें इससे मन की शांति के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी होता है। यह शपथ लेने का श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से बड़ा अवसर नहीं हो सकता। साल में एक बार प्रभु श्रीकृष्ण धरा पर आते हैं और हम उनके आने का आनंद मनाते हैं।

बाल महोत्सव का अद्भुत आयोजन
बाल महोत्सव में बच्चे भगवान श्रीकृष्ण, राधा, रुकमणी,बलराम शिव जैसे भगवान के वेशभूषा में आए थे। सभी ने नाट्य की अलग-अलग विद्या में अपना नृत्य पेश किया। सबसे ज्यादा ओडीसी फिर कथक विधा में बच्चों ने नृत्य किया। कुछ बच्चों ने श्रीमद् भागवत गीता के श्लोक का वाचन किया तो कुछ बच्चों ने भगवान श्री कृष्ण पर आधारित भजनों की प्रस्तुति दी। बच्चों को भगवान के रूप में सजा देखकर और उनके हुनर को देखकर मौजूद सभी भक्त गदगद थे। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी केअवसर पर भगवान को समर्पित सारे कार्यक्रम थे जिसे देखकर लोगों में हर्ष व्याप्त था। बाल महोत्सव में शामिल सभी बच्चों को सम्मानित किया गया।

हरे कृष्ण संकीर्तन और भक्तों का नृत्य रहा विशेष
इस्कॉन के जन्माष्टमी महोत्सव में जहां पूजा,आराधना,भजन, कीर्तन, महाप्रसाद की व्यवस्था थी तो इस पूरे आयोजन का मुख्य आकर्षण हरे कृष्ण संकीर्तन और इसके साथ नृत्य करने और झूमने वाले भक्त थे। कार्यक्रम अपनी जगह चल रहे थे और इसी के साथ-साथ हरे कृष्ण संकीर्तन और इस पर नाचने वाले भक्त। लोग आ रहे थे, जा रहे थे पर वे औरों को देखकर अपने आप को थिरकने से नहीं रोक पाए।जो भक्त पंडाल में बैठे हुए थे उनके बीच जाकर भजन मंडली उन्हें भी अपनी जगह से खड़े होने को मजबूर कर देती।

इस आयोजन को सफल बनाने के लिए  फेस्टिवल  कमिटी के सभी सदस्यों (यथा डॉ चंदेल प्रभुजी, सुशील कपूर प्रभुजी, विनोद शर्मा प्रभुजी, परमजीत प्रभुजी, देवेन्द्र शर्मा प्रभुजी, नवनीत माताजी, मोहनी प्रभुजी आदि) अपने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा कई दिनों से मेहनत कर रहे थे

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!