KNH शिमला में डिलीवरी के बाद महिला ने तोड़ा दम, पीछे छूट गया 1 दिन का मासूम- डॉक्टरों पर आरोप

Khabron wala 

हिमाचल प्रदेश के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान IGMC शिमला में एक महिला की संदिग्ध मौत के बाद एक ऐसा ही मामला KNH शिमला से भी सामने आ रहा है। जहां डिलिवरी के 24 घंटों के बाद महिला की मौत हो गई है। इस खबर के बाद जहां प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं पर कई सवाल उठ रहे हैं, वहीं पीड़ित परिवार ने अस्पताल और डॉक्टरों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

डिलीवरी के 24 घंटे बाद महिला की संदिग्ध मौत

शुक्रवार को ही कमला नेहरू अस्पताल शिमला में एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। ठियोग के चयोग गांव की रहने वाली अंजु नाम की महिला की सिजेरियन डिलीवरी के 24 घंटे बाद मौत हो गई। महिला पूरी तरह स्वस्थ बताई जा रही थी और एक बच्ची को जन्म दिया था।

टांकों से ब्लीडिंग, कुछ देर में ही मौत

सुबह करीब 8:30 बजे जब वार्ड बदलने की प्रक्रिया शुरू हुई, तब स्टाफ ने उसे बिना स्ट्रेचर के सहारा देकर शिफ्ट करने की कोशिश की। इसी दौरान अंजु को चक्कर आया, टांकों से ब्लीडिंग शुरू हो गई और उसकी हालत बिगड़ गई। कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई।

परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

अंजु के पति और ननद का कहना है कि महिला पूरी तरह सामान्य थी, बीती रात भी बातचीत कर रही थी। ननद ने बताया कि सुबह अचानक भाभी को चक्कर आया और डॉक्टरों ने बताया कि बीपी लो है। परिजनों का आरोप है कि इलाज में देरी हुई और लापरवाही बरती गई।

अस्पताल पहुंचे मेडिकल सुपरींटेंडेंट

कमला नेहरू अस्पताल में जब मेडिकल सुपरींटेंडेंट मौके पर पहुंचे तो गुस्साए परिजनों ने उन पर सवालों की बौछार कर दी। लेकिन वो भी किसी सवाल का स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। मौके पर पुलिस भी पहुंची और मामला शांत करवाया।

IGMC में भी मौत

वहीं, आईजीएमसी शिमला में भी एक मंडी नेरचौक से आए एक रेफर मामले में डॉक्टरों पर मरीज के बेटे ने आरोप लगाए हैं कि उन्हें इमरजेंसी में घंटों तक भटकाया गया। मरीज को खाली ऑक्सीजन सिलेंडर दिया गया। जिसके चलते मरीज ने थोड़ी ही देर में दम तोड़ दिया।

दो मौतें से उठे सवाल 

IGMC और कमला नेहरू जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में एक ही दिन में दो महिलाओं की मौत ने हिमाचल की स्वास्थ्य व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। सवाल यह है कि क्या प्रदेश के सबसे बड़े अस्पतालों में भी लापरवाही आम होती जा रही है? वहीं, लोग भी सरकार से सवाल कर रहे हैं कि आखिर ये कैसी व्यवस्था है और इस लचर व्यव्स्था के सहारे हमारे प्रदेश के लोग कैसे अपना इलाज कर पाएंगे।

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