(जसवीर सिंह हंस ) पांवटा साहिब में गत विधानसभा चुनाव के दोरान भी चुनाव आचार संहिता में भी कानून वयवस्था की धज्ज्जिया किस प्रकार उड़ाई गयी थी जब हिमाचल यूथ ब्रिगेड के पूर्व अध्यक्ष परमिंदर सिंह ढिल्लो के रूप में सामने आयी थी चुनाव में भी पमिंदर सिंह पिस्टल लेकर घूम रहा था | ये भी जाँच में सामने आया था की है कि जो पिस्टल परमिंदर सिंह चुनाव के दोरान लेकर घूम रहा था क्या वह अवेध थी |
वही उस समय मुद्दा उठा था की ऐसे अपराधिक छवि के आदमी को पिस्टल की क्या जरूरत थी और प्रशासन ने पिस्टल क्यों दी सूत्रों के मुताबिक क्या परमिंदर सिंह का पंजाब से पुलिस वेरिफिकेशन नहीं करवाया गया जबकि वो पांवटा साहिब का नहीं पंजाब का रहने वाला है ना हि उसकी पंजाब में अपराधिक रिकॉर्ड निकला गया था | क्या पुलिस प्रशासन में परमिंदर सिंह की इतनी पकड़ थी कि वो चुनाव आचार संहिता में भी शरेआम पिस्टल लेकर घूमता रहा व जानकारी होने के बावजूद पुलिस व प्रशासन मौन बैठे रहे जबकि परमिंदर सिंह धमकी देकर किसी की कनपटी पर पिस्टल रखता रहा |
यदि पुलिस व प्रशासन ने उस समय सही कदम उठाया होता तो अगले दिन सोनू के साथ इतना बड़ा कांड न होता | गोरतलब है की सोनू को पिस्टल की नोक पर हि डराया गया था | पत्रकार के घर पर हमला व पत्रकार के साथ कुकर्म व मारपीट व एक अन्य पीड़ित के साथ मारपीट के बाद भी स्थानीय स्तर पर पुलिस प्रशासन दवारा कोई कारवाही न होने के बाद इन आरोपियों के होसले बुलंद होते चले गये थे कि अन्य लोगो के साथ भी ऐसा करने लग गये थे वही अभी इनके शिकार कुछ लोग और लोग भी हो सकते थे | कुछ लोगो की हिम्मत से ही सोनू का मामला सामने अ सका वर्ना अन्य मामलो की तरह ये मामला थी दब जाता |यदि आरोपियों को सजा नहीं मिलती तो जनता का पुलिस से विशवास उठ जायेगा व अपराधियों को दोबारा अपराध करने का भी मोका मिलेगा |सोनू रिक्शा चालक व पत्रकार का अपहरण मारपीट व कुकर्म के मुख्य आरोपी परमिंदर सिंह ढिल्लो लम्बे समय तक जेल में रहकर आया था व इस समय मामला कोर्ट में विचारधीन है |