गत 1 वर्ष में पावटा साहिब में कानून व्यवस्था बिगड़ती नजर आ रही है अपराधियों को कानून का कोई खौफ नहीं है वही पुलिस भी इन अपराधियों के आगे लाचार नजर आ रही है चोरी के मामलों में पुलिस कुछ खास कार्रवाई करती ना नजर आई है वही फायरिंग के मामले में भी कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया है कल तो सवाल या निशानियां है खड़ा होता है कि चुनाव आचार संहिता होने के बावजूद शहर में अपराधी हथियार लेकर घूम रहे हैं जबकि पुलिस फर्जी दावे कर रही है कि लाइसेंसी हथियार जमा कराए जा रहे हैं ऐसे में अवैध हथियार लेकर अपराधी शहर में सरेआम फायरिंग कर रहे हैं जिससे पुलिस अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं
कुछ दिन पहले भी डीजीपी संजय कुंड़ू शहर में पहुंचे थे तथा आसपास के क्षेत्र का आज लिया था उनके साथ सिरमोर के पुलिस अधीक्षक भी पहुंचे थे परंतु दोनों ही पुलिस अधिकारी शहर के चक्कर लगा कर चले जाते हैं परंतु कानून व्यवस्था को संभालने में दोनों अधिकारी असफल साबित हो रहे हैं वहीं पहली पोस्टिंग पाई आईपीएस अदिति सिंह भी ग्राउंड लेवल पर क्राइम को रोकने में असफल साबित हुई है तथा अपने कुछ कर्मचारियों के सलाह पर ही अभी तक छोटी मोटी कार्रवाई करती नजर आई है ऐसे में चुनाव के दौरान भी किसी एक्सपीरियंस्ड अधिकारी की पोस्टिंग ही ऐसे सेंसिटिव स्टेशन पर होनी चाहिए थी
अब देखना यह होगा कि पुलिस इतने हादसों के बाद कुछ कड़ी कार्रवाई करेगी तथा इन हादसों को रोकने के लिए कुछ कदम उठाएगी और अपराधियों पर कानून का खौफ कायम करने के लिए क्या कड़ी कार्रवाई करेगी जनता अपराधों से परेशान है तथा आम आदमी में डर यह है कि इसी तरह शहर में अपराध बढ़ते रहे तो उनके साथ कुछ दुर्घटना ना हो जाए वही चोरी के बढ़ते मामलों को देखकर आम आदमी अपनी सुरक्षा के प्रति भी खौफ़ में है वही कांग्रेस सरकार आने के बाद हारे हुए कांग्रेसी खुद गुंडागर्दी पर उतारू है तथा अपने गुंडो के साथ वारदातों को अंजाम देने में लगे हुए हैं