आरोपियों की पहचान विकास अली उर्फ ज्वाला पुत्र असगर अली निवासी गांव सरावां और दीपक पुत्र कुलविंदर सिंह निवासी गांव कनिपला के रूप में हुई है। दोनों बदमाशों को उपचार के लिए जगाधरी सिविल अस्पताल लाया गया है। बदमाशों के पास से हथियार भी बरामद किए गए हैं।
पुलिस के मुताबिक, बदमाशों के कुछ साथी अभी भी साढ़ौरा में छिपे हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है। मुठभेड़ की सूचना मिलते ही DSP हरविंदर घटनास्थल पर पहुंचे और फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया।
पुलिस के मुताबिक, बदमाशों के कुछ साथी अभी भी साढ़ौरा में छिपे हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है। मुठभेड़ की सूचना मिलते ही DSP हरविंदर घटनास्थल पर पहुंचे और फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया।
बिना नंबर की बाइक पर थे दोनों पुलिस को सूचना मिली थी कि साढ़ौरा में 2 युवक बिना नंबर प्लेट की पल्सर बाइक पर घूम रहे हैं और उनके पास हथियार भी हैं। ये दोनों गैंगस्टर वेंकट गर्ग के कहने पर कोई बड़ी वारदात करने की फिराक में हैं। सूचना पर पुलिस ने नाकाबंदी कर दी। असगरपुर गांव के पास पुलिस ने युवकों को घर लिया। बदमाशों ने भागने की कोशिश की तो पुलिस ने दोनों के पैर में गोली मारी। दोनों बाइक से गिर गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें काबू कर लिया।
अब जानिए कौन है वेंकट गर्ग…
बसपा नेता की हत्या के बाद चर्चा में आया गैंगस्टर वेंकट गर्ग का नाम 29 जनवरी 2025 में अंबाला में हुई बसपा नेता हरबिलास की हत्या के बाद चर्चा में आया था। उसने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी। वह अंबाला के नारायणगढ़ के वार्ड नंबर 4 का रहने वाला है। पहले वह लॉरेंस और काला राणा गैंग के साथ जुड़ा हुआ था। करीब ढाई साल पहले किसी बात को लेकर काला राणा से अनबन होने के बाद उसने अपनी गैंग बना ली।
2024 में हमला हुआ 2024 में वेंकट गर्ग पर नारायणगढ़ के एक रेस्टोरेंट में 4 बदमाशों ने घुसकर तलवारों से हमला कर दिया था, जिसमें उसकी टांग भी तोड़ दी गई थीं। वेंकट पर अब अंबाला, चंडीगढ़, पंचकूला, यमुनानगर व जगाधरी में हत्या, रंगदारी और फायरिंग के लगभग 12 से अधिक मामले दर्ज हैं। प्रॉपर्टी के मामलों में वह काफी सक्रिय है।
सरपंच के मामा को गोली मारी वेंकट के अपराधों की बात करें तो, साल 2023 में नारायणगढ़ में सरपंच रमन की शादी में उसने फायरिंग कर दी थी, जिसमें सरपंच के मामा रणबीर सिंह के पेट में गोली लगी थी। अंबाला सेंट्रल जेल में रहते हुए उसने अपने साथियों के साथ वार्डर पर पेचकस से जानलेवा हमला बोल दिया था, जिसमें वार्डर के शरीर पर 10 जगह चोटें आई थीं। इससे पहले, वेंकट गर्ग ने यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के भाई राजिंदर सिंह के कार्यालय में घुसकर फायरिंग की थी और चंडीगढ़ में शराब के ठेके से रंगदारी मांगी थी।
जेल में मोबाइल के साथ पकड़ा जा चुका वह अंबाला व जगाधरी जेल में मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए भी पकड़ा गया था। नारायणगढ़ में लोटो चुंगी के नजदीक और खनन कंपनी के कर्मचारियों पर फायरिंग करने के मामले भी उस पर दर्ज हैं, क्योंकि वेंकट एक समय में खनन कारोबार पर अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता था। पंचकूला में सेक्टर 3 और सेक्टर 9 में भी उसने फायरिंग की थी और चेकिंग के दौरान पुलिस ने उससे एक पिस्टल व 5 जिंदा राउंड बरामद किए थे।