सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में मजदूर का पोस्टमार्टम 12 घंटे देरी से किए जाने के मामले में उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है।मामले में अस्पताल प्रभारी चिकित्सक डॉक्टर अमिताभ जैन को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए सम्मन जारी किया गया है। उन्हें बुधवार को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होना होगा।
गत दिवस भी अस्पताल प्रभारी अमिताभ जैन ने एक अन्य डॉक्टर डॉ राघव साथ मिलकर बयान जारी किया था कि उन्होंने आधे घंटे में ही पोस्टमार्टम कर दिया था परंतु परिजनों ने इस दावे को नकार दिया है तथा अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं भाई पुलिस अधिकारियों के अनुसार रात को परिजनों ने एफ आई आर दर्ज कराने से इनकार कर दिया था जिसके बाद सीआरपीसी की धारा 174 की कार्रवाई की जा रही थी परंतु सुबह परिजन एफ आई आर कराने के लिए बोलने लग गए क्योंकि ठेकेदार से उनका समझौता नहीं हो सका ऐसे में सुबह पुलिस ने f.i.r. दर्ज कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल प्रबंधन को संबंधित डॉकेट दे दिए थे
बता दें कि 7 अक्टूबर को एक हादसे में मजदूर की मौत के बाद मृतक के परिजन 12 घंटे से अधिक समय तक अंतिम क्रिया के लिए पोस्टमार्टम की प्रतीक्षा करते रहे। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इस और कोई ध्यान नहीं दिया।
पूरा मामला संज्ञान में आते ही एसडीएम विवेक महाजन ने इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश देते हुए तहसीलदार वेदप्रकाश अग्निहोत्री को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।
मामले में जांच अधिकारी तहसीलदार वेदप्रकाश अग्निहोत्री ने आदेश मिलते ही सिविल अस्पताल पांवटा साहिब प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को सम्मन जारी किया है।
जारी आदेशों में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को बुधवार की जांच अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए कहा गया है। तहसील कार्यालय से सिविल अस्पताल प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को सम्मन जारी कर तलब करने की पुष्टि की गई है।
रेफरल हॉस्पिटल कहलाने वाले पांवटा साहिब के सिविल हॉस्पिटल मैं मरीजों से बदतमीजी करने वाले व समय पर इलाज न करने वाले डॉक्टरों ने जनता को परेशान किया है जिसके बाद लोग बदुआएं दे रहे हैं कि ऐसे कमीशन खोर डॉक्टर जिंदगी में क्या हासिल करेंगे जो दूसरों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं चंद रुपयों के लालच में इन कमीशन को डॉक्टरों ने गरीब आदमी आदमियों को बाहर से महंगे टेस्ट रिपोर्ट महंगे अल्ट्रासाउंड महंगे एक्स-रे और महंगी दवाइयां लिखनी शुरू कर दी है ऐसे में आम आदमी का सस्ता इलाज कराने का सरकार का दावा भी फेल साबित हो रहा है
गौरतलब है कि अस्पताल प्रभारी डॉ अमिताभ जैन पहले भी प्रधानमंत्री मोदी के प्रोग्राम के दौरान बेकार व्यवस्था को लेकर सुर्खियों में है जिसका पत्रकारों ने भी बहिष्कार किया था यही नहीं डॉक्टर अमिताभ जैन पर पत्रकारों के साथ बदतमीजी के भी गंभीर आरोप हैं ऐसे में देखना होगा कि बदतमीजी के आरोपों में घिरे डॉक्टर अमिताभ जैन पर क्या कड़ी कार्रवाई आला अधिकारी करेंगे यही नहीं पत्रकारों को मनाने के लिए एक मंथरा टाइप का डॉक्टर पत्रकारों को फोन भी करता रहा पर पत्रकारों ने उसकी एक नहीं सुनी तथा आपस में पत्रकार बात करते हैं कि यह तो मंथरा के चरित्र का व्यक्ति है