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राजधानी शिमला में सेब से महंगा मटर बिका है। मटर के दाम 200 रुपए प्रति किलो पार हो गए हैं, जबकि गत वर्ष मटर अधिकतम 190 रुपए प्रति किलो बिका था। हालांकि इस बार अभी मटर की क्वालिटी भी उतनी अच्छी नहीं है। मटर के अधिक दाम मिलने का कारण पैदावार कम होना है। बुधवार को ढली मंडी में ठियोग क्षेत्र से मटर की खेप पहुंची थी।
यह मटर थोक में 205 रुपए प्रति किलो बिका। इससे सब्जी उत्पादकों को लाभ हुआ है, जबकि सेब को अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं। सेब 500 से 1600 रुपए में पेटी बिका है। इससे बागवानों को नुक्सान उठाना पड़ रहा है। राज्य में इस बार भारी व लगातार बारिश ने जहां तबाही मचाई है, वहीं किसानों व बागवानों को भी नुक्सान उठाना पड़ा है। भारी बारिश के कारण किसानों की सब्जी तबाह हो गई है। इससे मंडी में बहुत ही कम सब्जी पहुंच रही है। कई दिनों के बाद शुक्रवार को ढली मंडी में मटर पहुंचा। बहुत अच्छी क्वालिटी का न होने के बावजूद मटर 205 रुपए प्रति किलो की दर से बिका। इसके अलावा फ्रासबीन 50 से 60 रुपए प्रति किलो, शिमला मिर्च 55 से 60 रुपए प्रति किलो और बंद गोभी 25 से 26 रुपए प्रति किलो बिकी।
मटर का सीजन लेट
जिला शिमला में इस बार मटर का सीजन लेट है। लगातार भारी बारिश के कारण जिले में सब्जियों को नुक्सान हुआ है। इस कारण मटर की फसल भी खराब हुई है। बारिश के कारण मटर का सीजन भी दो से तीन सप्ताह लेट है। गत वर्षों में इन दिनों मटर का सीजन चरम पर होता था।
300 रुपए तक जाएंगे दाम
ढली मंडी के आढ़ती नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि इस बार मटर 200 के पास चला गया है, हालांकि मटर उतना अच्छी क्वालिटी का नहीं था। यदि अच्छी क्वालिटी का होता तो इसे 250 रुपए दाम मिलते। जब मटर का सीजन रफ्तार पकड़ेगा तो इसके दाम 300 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारी बारिश व बाढ़ के कारण सब्जियों को नुक्सान हुआ है। इस वर्ष ढली मंडी में गत वर्ष की तुलना में 40 से 60 फीसदी कम सब्जियां पहुंची हैं। इससे किसानों, मजदूरों व कारोबारियों सभी को नुक्सान हुआ है।