हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियां एवं यहां की आबोहवा देश-विदेश से सैलानियों को वर्षभर आकर्षित करती रही हैं। वर्तमान प्रदेश सरकार हिमाचल को पर्यटन राज्य के रूप में विकसित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है ताकि युवाओं के लिए रोजगार तथा स्थानीय लोगों की आय में बढ़ौत्तरी सुनिश्चित की जा सके। इसके दृष्टिगत ट्रैकिंग, कैम्पिंग, पैराग्लाइडिंग तथा रिवर राफ्टिंग जैसी साहसिक गतिविधियों को विशेष तौर पर बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्रदेश सरकार के प्रयास अब हकीकत में भी नज़र आने लगे हैं। हाल ही में हमीरपुर जिला के नादौन में ब्यास नदी में तीन दिवसीय एशियन राफ्टिंग चैम्पियनशिप का सफल आयोजन किया गया। इसमें नेपाल, भूटान और कजाकिस्तान जैसे देशों से प्रतिभागियों ने भाग लिया। कुल्लू-मनाली के उपरान्त नादौन ब्यास नदी पर राफ्टिंग का नया केन्द्र बनकर उभरा है। नादौन क्षेत्र में पर्यटन विकास के दृष्टिगत एशियन विकास बैंक की मदद से 2500 करोड़ रुपये की परियोजना भी प्रस्तावित है।
इससे पूर्व बिलासपुर जिला में स्थित गोविन्द सागर झील में भी जल क्रीड़ा से संबंधित गतिविधियां आयोजित की गईं। मण्डी जिला के ततापानी में कोल बांध झील में भी जल क्रीड़ा पर आधारित साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कांगड़ा जिला के पौंग डैम में वाटर स्पोर्ट्स, शिकारा, क्रूज़ तथा यॉट इत्यादि की भी व्यवस्था की जा रही है।
प्रदेश सरकार पारम्परिक पर्यटन के साथ-साथ आधुनिक जरूरतों के अनुरूप पर्यटन गतिविधियों के विकास को बढ़ावा दे रही है। पर्यटन राजधानी कांगड़ा में अंतरराष्ट्रीय स्तर के गोल्फ कोर्स का निर्माण प्रस्तावित है। बनखण्डी में 300 करोड़ रुपये की लागत से चिड़िया घर का निर्माण किया जा रहा है। सरकार ने अपने प्रथम बजट में ही 60 करोड़ रुपये का प्रावधान इसके पहले चरण के निर्माण के लिए किया है।
स्थानीय कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए ‘पर्यटक ग्राम’ की स्थापना भी की जा रही है। इसमें स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तकला, संगीत इत्यादि को प्रसारित करते हुए स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। पर्यटन क्षेत्र को नए आयाम देते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘ओल्ड एज होम’ विकसित किए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त एशियन विकास बैंक की सहायता से 1311 करोड़ रुपये की एक व्यापक पर्यटन विकास योजना की घोषणा सरकार ने इस वर्ष के बजट में की है। इसके अंतर्गत कांगड़ा जिला में 390 करोड़ रुपये, हमीरपुर जिला में 257 करोड़ रुपये, कुल्लू जिला में 229 करोड़ रुपये, शिमला जिला में 123 करोड़ रुपये तथा मण्डी जिला में 138 करोड़ रुपये व अन्य स्थानों पर 174 करोड़ रुपये पर्यटन विकास पर व्यय किए जाएंगे। इसके तहत पर्यटन स्थलों पर आधुनिक सुविधाएं, इलैक्ट्रिक बसें, जल क्रीड़ा, थीम पार्क, सड़क किनारे प्रसाधन सहित अन्य सुविधाएं, उच्च स्तरीय फूड कोर्ट, विरासत स्थलों के सौन्दर्यकरण और ईको टूरिज्म के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। ग्रीष्म एवं शीतकालीन खेलों का सुचारू आयोजन सुनिश्चित करने के दृष्टिगत शिमला आईस स्केटिंग रिंक का उन्नयन करने के साथ ही मनाली में आईस स्केटिंग तथा रोलर स्केटिंग का निर्माण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का मानना है कि स्थानीय युवाओं को पर्यटन के साथ जोड़कर रोजगार के स्थायी अवसर सृजित किए जा सकते हैं। इससे पर्यटन विकास सुनिश्चित होगा और प्रदेश के राजस्व में भी बढ़ौत्तरी हो सकेगी। पर्यटन तथा आतिथ्य क्षेत्रों में क्षमता निर्माण से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान कर युवाओं को पर्यटन क्षेत्र की वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप दक्ष बनाने पर भी विशेष ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।