बैठक में महासंघ ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर एक हफ्ते के अंदर फैसले को वापस नहीं लिया गया तो प्रदेश के सभी पटवारी और कानूनगो अतिरिक्त कार्यभार छोड़कर पटवारखानों व कानूनगो ऑफिस में ताला लगाकर चाबियां सरकार को सौंप देंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार होगी।
हिमाचल प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में पटवारी और कानूनगो को जिला कैडर से स्टेट कैडर में बदलने के फैसले पर विवाद शुरू हो गया है। सरकार के इस फैसले से राजस्व विभाग के कर्मचारी आक्रोशित हैं। कुल्लू जिले के कटराई में प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवम कानूनगो महासंघ ने बैठक कर अपना विरोध जताया है। सरकार को चेतावनी दी है कि अगर वह अपना फैसला वापस नहीं लेते हैं तो काम बंद कर दिया जाएगा।
बैठक में महासंघ ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर एक हफ्ते के अंदर फैसले को वापस नहीं लिया गया तो प्रदेश के सभी पटवारी और कानूनगो अतिरिक्त कार्यभार छोड़कर पटवारखानों व कानूनगो ऑफिस में ताला लगाकर चाबियां सरकार को सौंप देंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार होगी।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, हिमाचल प्रदेश में पटवारियों की भर्ती जिला कैडर पर होती थी। ऐसे में पटवारी और कानूनगो अपनी पूरी नौकरी के दौरान केवल अपने संबंधित जिले में ही सेवाएं देते थे उनकी प्रदेश के अन्य जिलों में ट्रांसफर नहीं की जा सकती थी। अब सरकार के स्टेट कैडर के फैसले के बाद पटवारियों और कानूनगो की हिमाचल में किसी भी जिले में ट्रांसफर की जा सकती है। सरकार के इसी फैसले से राजस्व विभाग के कर्मचारी नाराज हैं।
पटवारियों ने क्या-क्या कहा?
बैठक में महासंघ की पुरानी मांगो को भी दोहराया। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा महासंघ पटवारी और कानूनगो की अनेकों मांगें हैं जो सरकार के पास लंबित हैं जिसमें टेक्निकल स्केल और चार पटवारियों पर एक कानूनगो, प्रमोशन का निर्धारित समय या आर्थिक लाभ आदि पर राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में 28 नवंबर 2023 को चर्चा हुई थी।
महासंघ की बैठक में आंदोलन के पहले चरण में पटवारी और कानूनगो द्वारा सभी प्रकार के ऑनलाइन कार्य बंद करने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा यदि सरकार मांगों पर फैसला नहीं लेती है तो जल्द ही महासंघ सारे काम बंद करने का निर्णय लेने को विवश होगा।
महासंघ ने मांग रखी है कि पटवारी एवं कानूनगो को टेक्निकल स्केल देकर पेमेंट में बढ़ोतरी की जाए और चार पटवारी पर एक कानूनगो और तहसीलदार और नायब तहसीलदार का रीडर कानूनगो बनाने की मांग की है।