पीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण, 1500 करोड़ रुपये देने का एलान

Khabron wala 

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य को आई प्राकृतिक आपदा के चलते हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष राहत पैकेज की मांग की है। प्रधानमंत्री ने 1500 करोड़ रुपये की फौरी राहत देने का आश्वासन जरूर दिया है, लेकिन यह राशि किस रूप में और किस प्रक्रिया के तहत जारी होगी, इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद धर्मशाला के गगल में बताया कि प्रदेश में आपदा से हुए नुकसान का प्रारंभिक अनुमान 5,000 करोड़ रुपये है, जो कि आगे चलकर 10,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि अगर राहत समय पर नहीं मिली तो उसका औचित्य समाप्त हो जाता है, इसलिए केंद्र से तत्काल विशेष राहत की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावितों को पुनर्वासित करने के लिए सबसे बड़ी बाधा वन कानून हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश की 68% भूमि वन क्षेत्र के तहत दर्ज है, और 1950 के एक्ट के तहत सभी ‘वेस्ट लैंड’ को भी वन भूमि का दर्जा दे दिया गया है, जो वर्तमान परिस्थितियों में अव्यवहारिक है।

उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री के रूप में मैं किसी आपदा पीड़ित को एक बीघा जमीन देना चाहूं तो नहीं दे सकता। यहां तक कि कोई केंद्रीय मंत्री भी ऐसा नहीं कर सकता। इसलिए कानूनों में संशोधन जरूरी है। मुख्यमंत्री ने मांग की है कि कम से कम एक बीघा जमीन वन भूमि से आपदा प्रभावितों को दी जा सके। इस प्रस्ताव की प्रजेंटेशन भी प्रधानमंत्री को दी गई।

मौत के प्रमाणपत्र में देरी, राहत में बाधा

मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि उन्होंने आपदा में मृत्यु होने पर मृत्यु प्रमाणपत्र बनने की प्रक्रिया को सरल और तेज़ करने की मांग भी प्रधानमंत्री के समक्ष रखी है। वर्तमान प्रक्रिया में वर्षों लग जाते हैं, जिससे मृतकों के परिजनों को सरकारी सहायता मिलने में गंभीर देरी होती है। उन्होंने कहा कि चार लाख रुपये की राहत राशि मृतक के परिजन को देनी हो तो भी प्रमाणपत्र न होने के कारण दे नहीं सकते।

मुख्यमंत्री ने राज्य की भौगोलिक स्थिति और बढ़ती आपदाओं के मद्देनज़र सुरंग आधारित सड़क निर्माण और वैकल्पिक मार्गों के निर्माण पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि कांगड़ा से मनाली तक सुरंग बनाई जाए और हिमाचल के लिए दीर्घकालिक समाधान की दिशा में कार्य हो।

केंद्र से 1500 करोड़ की फौरी राहत 

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री सुक्खू की बातों को गंभीरता से लिया और 1500 करोड़ रुपये की फौरी राहत देने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह राशि प्रधानमंत्री विशेष राहत कोष से जारी की जाएगी या फिर योजनागत बजट में समायोजित कर राज्य को दी जाएगी। राज्य सरकार इसके लिए केंद्र से स्पष्टीकरण की प्रतीक्षा कर रही है।

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!