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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार, 9 सितंबर को आपदा प्रभावित हिमाचल प्रदेश का जायजा लेने के लिए आ रहे हैं। यह उनके तीसरे कार्यकाल का पहला हिमाचल दौरा है, जिससे राज्य को एक बड़े राहत पैकेज की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी सबसे पहले कांगड़ा के गगल एयरपोर्ट पर उतरेंगे, जहां वे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी मौजूद रहेंगे।
राज्य सरकार ने इस दौरे के लिए पूरी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री सुक्खू प्रधानमंत्री को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करेंगे और हिमाचल को आपदा प्रभावित राज्य घोषित करने के साथ-साथ एक विशेष राहत पैकेज की मांग करेंगे।
हिमाचल में आपदा का हाल
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हिमाचल प्रदेश को अब तक 4,080 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस आपदा में 366 लोगों की जान चली गई है, जबकि 426 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। 11 लोग अभी भी लापता हैं। राज्य भर में 478 पक्के घर और 746 कच्चे मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि राज्य सरकार ने पूरी तरह से बर्बाद हुए मकानों के लिए 7.70 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है।
सुक्खू ने यह भी बताया कि 2023 की आपदा के बाद आवश्यकता मूल्यांकन (PDNA) के लिए केंद्र से मिला बजट काफी कम था और उसे जारी होने में दो साल लग गए। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि इस बार राहत के लिए बजट जल्द से जल्द जारी किया जाए।
सुरक्षा और तैयारियों का जायजा
प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए हिमाचल में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। स्पेशल प्रोटेक्शन गार्ड (SPG) और एनएसजी (NSG) की टीमें धर्मशाला पहुंच चुकी हैं और हिमाचल पुलिस भी पूरी तरह से मुस्तैद है। प्रधानमंत्री मोदी कांगड़ा, मंडी, कुल्लू और चंबा जैसे आपदा प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे।
पीएम के दौरे से पहले ही केंद्र सरकार की दो टीमें मंडी, कुल्लू और चंबा जिलों में नुकसान का आकलन करने के लिए हिमाचल पहुंच चुकी हैं। गगल एयरपोर्ट पर होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक में आपदा से हुए नुकसान और उससे निपटने के उपायों पर चर्चा की जाएगी।
प्रधानमंत्री के इस दौरे से न केवल आपदा से जूझ रहे हिमाचल को आर्थिक मदद की उम्मीद है, बल्कि यह भी संदेश जाता है कि केंद्र सरकार इस मुश्किल समय में राज्य के साथ खड़ी है।