पांवटा साहिब : ट्रेफिक पुलिस ने निजी स्कूल की बसों की ओवरलोडिंग पर काटे चालान |

(जसवीर सिंह हंस) स्कूल की बसों में  बच्चो को जानवरों की तरह ठूस ठूस कर भरकर  ले जाये जा रहे स्कूल पर पांवटा साहिब  ट्रेफिक पुलिस ने शिकंजा कस  दिया है | सी.बी.एस.ई. की गाइडलाइन्स को भी नही माना  जा रहा है जिसके अनुसार स्कूल के बच्चो को केवल सीट पर बैठकर ही  बस ले जा सकती है तथा कोई बच्चा बस में खड़ा होकर नहीं जा सकता |

जानवरों की तरह निजी स्कूल की बसों मे बच्चे भरने पर प्रकाशित खबर का हुआ असर

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शुभ्खेड़ा स्थित गुरु नानक मिशन पब्लिक स्कूल की बसों  को आज बाई पास पर जब रोका गया तो एक बस  में करीब 115 भरे हुए थे | मोके पर तैनात ट्रेफिक पुलिस कर्मियों ने तीन बसों का लगभग 15000 रुपए का चालान किया | इस पर पिछले सप्ताह से चल रहे एक अभियान के तहत लगभग सभी स्कूल पर शिकंजा कसते हुए लाखो रुपए का जुर्मना किया जा चूका है | इनमे जिंदल पब्लिक स्कूल ,बीबी जीत कौर , पब्लिक स्कूल ,विद्यापीठ स्कूल ,दी स्कॉलर होम  डी.एव.वी स्कूल , दून  वेली स्कूल आदि स्कूल के चालान किये गये है | चालान काटने की पुष्टि ट्रेफिक इनचार्ज ने की है |

गत दिनों हुई प्रकाशित खबर

शहर के निजी स्कूल मोटी फीस वसूल रहे है तथा निजी स्कूल में हजारो रुपये की एडमिशन फीस बिल्डिंग फण्ड बस फीस के नाम पर मोटी वसूली हो रही है परन्तु बच्चो की सुरक्षा के नाम पर सभी   फेल  हो जाते है शुभ्खेड़ा स्थित गुरु नानक मिशन पब्लिक स्कूल नाम  का एक नामी स्कूल जिसमे बच्चो की एडमिशन करवाने के लिए मंत्रियो तक की सिफारिश की जाती है व व इस स्कूल की शहर में कई ब्राचे है इसका का भी हाल कुछ सही नहीं है इस स्कूल की बसों में  बच्चो को ठूस ठूस कर भरा जाता है व बच्चो को बसों में दूर दूर तक खड़ा करके ले जाया जाता है जबकि मोटी बस फीस वसूली जाती है |

वही हिमाचल में नंबर दो स्कूल होने  का दावा करने वाले व जामनीवाला रोड पर स्थित शहर के सबसे महंगे स्कूल दी स्कॉलर होम  में से एक निजी स्कूल के हाल भी कुछ सही नहीं है वहा भी एक ड्राईवर शराब पीकर स्कूल की बस चलाते हुए पाया गया था परन्तु उसको स्कूल प्रबंधन ने निकल दिया था बस अच्छी बात ये रही थी की उस समय कोई हादसा नहीं हुआ था |

सी.बी.एस.ई. की गाइडलाइन्स को भी नही माना  जा रहा है जिसके अनुसार स्कूल के बच्चो को केवल सीट पर बैठकर ही  बस ले जा सकती है तथा कोई बच्चा बस में खड़ा होकर नहीं जा सकता  | परन्तु एक बात तो है कि यदि ऐसा है तो  परिवहन विभाग स्कूल बस को कैसे पास कर देता है तथा परिवहन विभाग स्कूल बसों को चेक करके चालन क्यों नहीं करता  इस बारे में एस.डी.एम. पांवटा साहिब का कहना  है की यदि ऐसी कोई शिकायत आती है तो व जरुर कार्यवाही करेंगे |

वही इस बारे मे कई स्कूल के प्रिंसिपल से बात की गयी तो किसी ने ड्राईवर न होने का किसी ने लास्ट ट्रिप का बहाना बनाया परन्तु भारी भरकम फीस वसूल रहे स्कूल बच्चो  की जिन्दगी  के साथ खिलवाड़ न ही करे तो बेहतर है | वही इस बारे में फायर ऑफिसर का कहना है कि सभी स्कूल की बसों में co2 गैस सिलेंडर होना भी जरुरी है ताकि किसी आग आदि की दुर्घटना से निपटा जा सके परन्तु यदि किसी स्कूल की बस में ऐसा नहीं है तो ये देखना  पुलिस व परिवहन विभाग की जिमेवारी है |

इसी लापरवाही का नतीजा  था कि गत समय पहले  को जिंदल पब्लिक स्कूल के ड्राईवर ड्राइवर निक्कू राम निवासी बद्रीपुर ने सुबह आठ बजे शराब पीकर जिंदल पब्लिक स्कूल की बस को खेत में उतार दिया। इसके बाद यह स्कूल बस पलट गई। इस हादसे में चार बच्चे व बस कंडेक्टर बुरी तरह घायल हो गए थे । इस हादसे के बाद बच्चो के माता पिता का यही कहना था कि  कि उन्होंने स्कूल प्रबंधन को पहले भी कई बार शिकायत की थी | पुलिस  ने भी ड्राईवर को गिरफ्तार कर लिया था  |

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