हाईकोर्ट आदेश पर सीईटीपी कनेक्शन न लेने पर बोर्ड ने की सख्त कार्यवाही ।
(विजय ठाकुर) हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र में बडी कार्यवाही करते हुए यहां के 42 उद्योगों की बिजली काटने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड ने इतिहास में पहली बार इतनी बडी कार्यवाही की है जिसमें हिमाचल का पूरा उद्योग जगत हिल गया है। इन उद्योगों पर यह गाज इसलिए गिरी है कि इन कारखानों ने बददी में बने सीईटीपी (केंद्रीय जल शोधक सयंत्र) की सदस्यता बार बार कहने पर नहीं ली है।
इन उद्योगों पर प्रदूषण नियंत्रण के मानदंडो की अवहेलना करने व हाईकोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन न करने की गाज गिरी है। अब तक एक या दो उद्योगों की कभी कभार बिजली कटने के समाचार आते हैं लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश पर पहली बार 42 इकाईयां चपेट में आई है। गौरतलब है कि बददी बरोटीवाला में कार्यरत व सीईटीपी के दायरे में आने वाले सभी प्रदूषित औद्योगिक इकाईयों को ट्रीटमेंट प्लांट का सदस्य बनना जरुरी है। सदस्य बनने के बाद संबधित उद्योग को अपना तमाम गंदा पानी सीईटीपी में भेजना होता है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उक्त उद्योगों को बार चेताया था कि यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है और माननीय कोर्ट खुद इसकी मोनिटरिंग कर रहा है इसलिए तत्काल एग्रीमेंट करके अपना गंदा पानी देना शुरु करो। पर कुछ उद्यमियों ने इसको हल्के में लिया जिस पर कोर्ट को अपना डंडा चलाना ही पड़ा। उल्लेखनीय है कि बददी बरोटीवाला-झाडमाजरी औद्योगिक क्षेत्र के 351 उद्योगों को सीईटीपी की सदस्यता लेने के लिए एग्रीमेंट करना जरुरी घोषित किया गया था। इसमें से 42 उद्योगों ने न तो कोर्ट के आदेशों की परवाह की और न ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की। 23 अगस्त को कोर्ट ने इस मामले में समीक्षा तो सरकार व बोर्ड के अधिकारियों ने शपथ पत्र देकर कहा कि 42 उद्योगों ने अभी तक न एग्रीमेंट किया न ही गंदा पानी ट्रीटमेंट प्लांट को सौंपा। इसमें प्रोविजन था कि जहां पाईपलाईन है जहां पाईपलाईन से कनेकशन लेना था और जहां पाईपलाईन नहीं पहुंची है वहां टैंकरों से पानी बददी के निकट मलपुर केंदूवाला में पानी पहुंंचाना था। बार बार स्मरण पत्र देने के बावजूद व आग्रह करने के बाद जब यह उद्योग मदमस्त होकर काम करते रहे तो पर्यावरण संरक्षण के प्रति बचनबद्व हिमाचल में कोर्ट के आदेश पर बोर्ड को इतना बडा सख्त कदम उठाने पर मजबूत होना पड़ा। बोर्ड ने 30 अगस्त को 42 उद्योगों के तत्काल प्रभाव से लाईट काटने के निर्देश जारी कर दिए। अब इन उद्योगों की बिजली बहाली ट्रीटमेंट प्लांट से एग्रीमेंट करके कोर्ट में शपथ पत्र देने के बाद ही हो पाएगी क्योंकि इस केस को कोर्ट स्वयं मोनीटर कर रहा है।
वहीं जब बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय बददी के अधिशाषी अभियंता बृजभूषण शर्मा से बात की गई है तो उन्होने बताया कि अभी तक बददी कार्यालय मेंं ऐसे कोई आदेश नहीं पहुंचे है। आर्डर की कापी देखकर ही पता चलेगा। वहीं दूसरी ओर शिमला स्थित बोर्ड कार्यालय के वरिष्ठ अधीक्षण अभियंता प्रवीण गुप्ता ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर बोर्ड ने बददी के 42 उद्योगों के बिजली काटने के आदेश जारी किए हैं। बार बार नियमों व कानूनों की अवलेहना करने पर हाईकोर्ट के आदेश पर यह सख्त एक्शन लिया गया है।