(जसवीर सिंह हंस ) गुरु की नगरी का सिविल अस्पताल खुद बीमार पड़ गया है। मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध ना होने से निजी क्लीनिक चांदी कूट रहे हैं। दरअसल डिजिटल एक्स-रे व अल्ट्रा साउंड न होने की वजह से निजी क्लीनिकों को चांदी कूटने का मौका मिल रहा है। मनमानी फीस वसूली जा रही है। यहां तक की गर्भवती महिलाओं को भी अल्ट्रासाउंड के लिए निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है।
एक अल्ट्रासाउंड की एवज में करीब आठ सो रुपए वसूले जा रहे हैं। निजी अस्पतालों में सुबह होते ही मरीजों की लाइनें लगनी शुरू हो जाती हैं। बताया जा रहा है कि सिविल हॉस्पिटल के एक्स-रे यूनिट में खामियों थीजिस कारण उसको सील कर दिया गया था । वही अल्ट्रा साउंड भी रेडियोलॉजिस्ट के न होने के कारण बंद पड़ा है । पांवटा साहिब ने निजी हॉस्पिटल व क्लीनिक ने इस कदर लूट मचाई हुई है कि जख्म पर एक पट्टी करने के भी 150 रुपए लेते है व बात करने पर खर्चे गिनवा देते है | इस मुददे पर गरीब आदमी मज़बूरी में कुछ बोल भी नहीं सकता वहीँ अधिकारी इस मामले पर सरकार को लिख दिया है कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते है | वही निजी अस्पताल व क्लीनिक गरीबो को लुटने में लगे हुए है व अधिकारी उनपर कोई कारेवाही करने के नाम पर कन्नी काट जाते है |