आईजीएमसी शिमला में मरीज से मारपीट के मामले में डॉ राघव नरूला को टर्मिनेट करने के विरोध में पांवटा साहिब में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। स्थानीय विधायक सुखराम चौधरी और स्थानीय डॉक्टरों की अगवाई में पांवटा साहिब मुख्य बाजार को बंद रखा गया और विरोध रैली का आयोजन किया गया। मारपीट मामले में एकतरफा कार्यवाही को लेकर डॉ नरूला की माता सहित विधायक और अन्य डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।
आईजीएमसी शिमला में एक रेजिडेंट डॉक्टर और मरीज के बीच हुई मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में प्रदेश सरकार ने त्वरित कार्यवाही करते हुए डॉक्टर राघव की सेवाएं बर्खास्त कर दी है। डॉक्टर की सेवाएं बर्खास्त करने से प्रदेश भर में अन्य डॉक्टर नाराज है और डॉ राघव के गृह क्षेत्र पांवटा साहिब में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। उनके समर्थन में न केवल सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन , बल्कि अब अन्य सामाजिक संगठन भी सामने आने लगे हैं।डॉक्टर राघव के समर्थन में उनके गृह क्षेत्र पावटा साहिब में शुक्रवार को दोपहर 1 बजे तक पूरा मार्केट बंद किया गया। साथ ही डॉक्टर के खिलाफ हुई कार्यवाही के खिलाफ के विरोध में रैली भी निकल गई। विरोध रैली में स्थानीय डॉक्टर विधायक सुखराम चौधरी और डॉ. राघव के परिवार के लोग शामिल हुए। डॉ राघव की माता ने इस मामले को एकतरफा कार्रवाई बताया। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री द्वारा उनके बेटे को गुंडा कहने पर भी कड़ा ऐतराज जताया।
डॉ राघव के परिवार और पांवटा साहिब के लोगों ने इस संबंध में निष्पक्ष कार्यवाही की मांग की है। यहां स्थानीय डॉक्टरों का कहना है कि सरकार द्वारा 3 दिन के भीतर एक तरफा कार्यवाही हैरानी में डालने वाला एक्शन है। डॉक्टर ने सवाल उठाए कि जब किसी डॉक्टर पर हमला होता है तो कार्यवाही में सालों लग जाते हैं जबकि, डॉक्टर द्वारा की गई विरोध की कार्यवाही पर सिर्फ तीन दिनों में एक्शन ले लिया गया।












