ऊर्जा मंत्री के कोरोंना पॉज़िटिव होने के बाद से ही प्रशासन ग़ायब हो गया है, आम जनता को मरने के लिए छोड़ दिया गया है। भाजपा के बड़े नेताओ के टेस्ट किए जा रहे है जबकि छोटे कार्यकर्ताओं व उनसे सम्पर्क में आए लोगों को खुद टेस्ट करवाने की अपील की गई है जो सरासर ग़लत है। हमारी यह माँग है की हर उस व्यक्ति का टेस्ट प्रशासन द्वारा किया जाए जो ऊर्जा मंत्री के सम्पर्क में आया था अपितु पाँवटा साहिब की जनता का टेस्ट प्रशासन द्वारा किया जाना चाहिए क्योंकी ऊर्जा मंत्री विभिन्न जगह लोगों से मिले है।
समस्त जनता बुरी तरह से डरी हुई है और बजाए उनकी मदद करने के प्रशासन अपने दफ़्तर बंद कर ग़ायब हो गया है, अधिकारी अज्ञात वास पर चले गए है। कई अधिकारी खुद को आइसोलेट कर बैठे गए है जबकि ऊर्जा मंत्री द्वारा पाँवटा साहिब की जनता को कोरोना वाइरस ख़िताब के रूप में दे दिया गया है। पाँवटा साहिब कोंग्रेस की तरफ़ से ज़िला प्रशासन से पाँवटा साहिब शहरी व ग्रामीण इलाके में पाँच दिन का सम्पूर्ण लॉक्डाउन लगाने का आग्रह किया था जिस पर प्रशासन की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है न ही कोई कदम इस ओर उठाया गया है।
ऊर्जा मंत्री को क़ानूनी कार्यवाही से बचाने के लिए प्रशासन पाँवटा साहिब शहरी व ग्रामीण छेत्र में लॉक्डाउन नहीं लगा रहा है जो यहाँ की जनता की जान के साथ खिलवाड़ है। हम ज़िला प्रशासन से एक बार फिर पाँच दिन का सम्पूर्ण लॉक्डाउन लगने की माँग करते है एवम् यह भी माँग करते है की पाँवटा साहिब के हर उस नागरिक का कोरोना टेस्ट प्रशासन द्वारा किया जाए जो ऊर्जा मंत्री के सम्पर्क में आया है साथ ही जो कोरोना संक्रमित पाता जाता है उसे क्वॉरंटीन किया जाए जिस से आम जन की जाने बचाई जा सके।
जो अधिकारी इस महामारी के समय में अज्ञातवास में चले गए है या खुद को क्वॉरंटीन कर बैठ गए है उनको तुरंत प्रभाव से आदेश दिए जाए की या तो वह अपनी जगह किसी अन्य अधिकारी को चार्ज देकर दफ़्तर में बिठाए। इस भयंकर महामारी के समय में जनता को अपने हाल पर न छोड़ा जाए उनकी हर सम्भव मदद की जाए एवं सरकारी दफ़्तरों को किसी भी सूरत में बंद न किया जाए, इमर्जन्सी सेवाओं को सुचारु रूप से जारी रखा जाए। पाँवटा साहिब के एसएचओ, एसडीम, तहसीलदार रैली में शामिल रहे एवं बजाए शोशल डिस्टन्सिंग के नियमो को अपनाने व जनता को पालन करवाने के ये अधिकारी गण मौन रूप धारण कर रैली में घूमते रहे।