पांवटा साहिब: गणतंत्र दिवस हमारे वैभव, विकास, समृद्धि, ऐश्वर्य एवं विरासत का प्रतीक – गुंजीत सिंह चीमा , 76वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण कर आकर्षक मार्चपास्ट की ली सलामी

76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पांवटा साहिब में आयोजित उपमंडल स्तरीय समारोह में बतौर मुख्यातिथि उप मंडल दंड़ाधिकारी गुंजीत सिंह चीमा ने नगरपालिका परिषद मैदान में ध्वजारोहण कर आकर्षक मार्चपास्ट की सलामी ली।मार्चपास्ट के दौरान पांवटा साहिब के स्कॉलरस होम स्कूल, गुरुनानक मिशन स्कूल, बीकेडी स्कूल, डिग्री कॉलेज, पीएम श्री कन्न्या विद्यालय, शंकराचार्य शिशु निकेतन, नेशनल पब्लिक स्कूल, दून वैली स्कूल, विद्यापीठ स्कूल, रोज़ आर्चीड स्कूल, सरस्वती विद्या मंदिर, डीएवी स्कूल, ग्लोबल एकेडमी स्कूल, द एयरो डाइट वर्ल्ड स्कूल, पीएम श्री छात्र विद्यालय के एनसीसी तथा एनएसएस के छात्र, डिवाइन विजडम स्कूल, बीबिजित कोर, विद्यापीठ सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पीएम श्री प्राथमिक विद्यालय, दुग्गल कैरियर स्कूल, जिंदल पब्लिक स्कूल,राoकoवoमाoविo पुरूवाला के विद्यार्थियों सहित द स्कॉलरस होम स्कूल की बेंड टुकड़ी ने भाग लिया।


इससे पूर्व एसडीएम गुंजीत सिंह चीमा ने शहीद स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।गुंजीत सिंह चीमा ने अपने संबोधन में सभी को 76वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के पश्चात हमारा देश विश्व में गणतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ। उन्होंने कहा कि हमारे देश का समृद्ध इतिहास रहा है जहाँ विभिन्न जाति, धर्म, संप्रदायों के बलिदान एवं संघर्ष से हमें आजादी प्राप्त हुई है। जिसे संजोए रखने के लिए धर्मनिरपेक्ष, संप्रभु, समाजवादी एवं लोकतांत्रिक राष्ट्र की संकल्पना को आधुनिक भारत अपने संविधान द्वारा व्यक्त करता है।

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उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे वैभव, विकास, समृद्धि, ऐश्वर्य एवं विरासत की कहानी सुनाता है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष हम “स्वर्णिम भारत-विरासत और विकास” थीम के साथ अपना 76 वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। इस उद्देश्य से स्पष्ट हो जाता है कि हमें विकास की श्रृंखला को निरंतर इसी तरह से बढ़ाते रहना है, किंतु साथ ही अपनी विरासत को भी सुरक्षित रखना है। उन्होंने कहा कि विरासत और विकास का आदर्श वाक्य इस लिए अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि विकास की अंधी दौड़ में विरासत को संभालना नई पीढ़ी का ही दायित्व है।

उन्होंने कहा कि इस दिन कत्तर्व्य पथ पर हमारी सैन्य क्षमता का विस्तार और सांस्कृतिक धरोहर का वैभव देखकर देश की अनुभवी पीढ़ी गर्व महसूस करती है तो नई पीढ़ी विस्मित होकर इनके संवर्धन के लिए शपथ लेती है। वहीं दूसरी ओर इस प्रदर्शन से हम विश्व को अपनी क्षमता शौर्य, पराक्रम से सम्पन्न सैन्य शक्ति तथा विविधता में एकता की सांस्कृतिक धरोहर से अचंभित करते हैं।

उन्होंने कहा कि गुरु की नगरी पांवटा साहिब एक ऐतिहासिक नगर है। इसका समुचित विकास, सुरक्षा व्यवस्था, इसकी पवित्रता, सौन्दर्यकरण हम सबके व्यक्तिगत योगदान पर निर्भर करता है।
प्रत्येक नागरिक अपने-अपने कर्म क्षेत्र में निष्ठा पूर्वक अपने कर्तव्य का पालन करता है, तो उसे देश सेवा ही कहा जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक सीमाओं पर देश की रक्षा करते हैं, जिसके कारण दुश्मन शक्तियों से हमारा देश सुरक्षित रहता है। किंतु हमें अपने देश को सामाजिक कुरीतियों, सांप्रदायिकता, नशा और आंतरिक कल्ह जैसे भीतरी दुश्मनों से भी बचाना है, यह कार्य हम सभी नागरिकों को मिलकर अपने विवेक एवं आपसी सौहार्द से संपादित करना होगा।

कार्यक्रम के दौरान शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया जिनमें गाँव डोईवाला के शहीद कुलविंद्र सिंह, सुरजपुर के शहीद शेर सिंह, गाँव कोलर के शहीद वीरेंद्र सिंह, गाँव बेहडेवाला के शहीद बलबीर सिंह, राजपुर के शहीद समीर कुमार, गाँव कोलर के शहीद प्रीतम सिंह, गाँव भरली के शहीद आशीष के परिजन शामिल रहे।
इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए जिसमें देश भक्ति गीत, पंजाबी भंगड़ा और पहाड़ी गीत की प्रस्तुति दी गई। मुख्य अतिथि द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम व मार्चपास्ट में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। इसके अतिरिक्त पांवटा साहिब में धरातल पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को भी सम्मानित किया।इस अवसर पर डीएसपी मानवेंद्र ठाकुर, तहसीलदार ऋषभ शर्मा, नगर पालिका परिषद की अध्यक्षा निर्मल कौर, उपाध्यक्ष ओम प्रकाश कटारिया विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवम् कर्मचारियों सहित स्थानीय गणमान्य व्यक्ति व विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य तथा अध्यापक मौजूद रहे ।

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