कांग्रेस कमेटी सिरमौर ने विधायक डा. राजीव बिंदल के खिलाफ केस वापिस लेने के लिए प्रदेश सरकार की कोर्ट में अर्जी को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय सोलंकी ने कहा कि डा. बिंदल के खिलाफ दर्ज मामले में सोलन नगर परिषद अध्यक्ष पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार के आरोप हैं। पूर्व कांग्रेस ने बिंदल केभ्रष्टाचार के खिलाफ जांच करवाई, जिसमें बिंदल व उनके साथ 27 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में 2012 में आरोप भी तय हो गए थे। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार भ्रष्टाचार में संलिप्त बिंदल को बचाने की कोशिश कर रही है। इसे कांग्रेस पार्टी सहन नहीं करेगी। इसके खिलाफ कांग्रेस जनांदोलन खड़ा करेगी।
अजय सोलंकी ने कहा कि वर्ष 2011-12 के रेणुका उपचुनाव के दौरान भी जब बिंदल ने जब सिरमौर का रूख किया तो जिला सिरमौर के रेणुका में बांध के डूब क्षेत्र में गरीब किसानों को ठग कर सस्ते दामों पर जमीनें खरीदी गईं। इस दौरान उन्होंने मंत्री पद का भी दुरुपयोग किया है। सरकार को जहां बिंदल के खिलाफ जांच करवानी चाहिए, इसके उलट सरकार कोर्ट में उनका नाम वापिस लेने की अर्जी दे रही हैं जो ठीक नहीं है। सोलंकी ने कहा कि प्रदेश सरकार यह रवैया न केवल शर्मनाक बल्कि भ्रष्टाचार को लेकर दोगली नीति का भी प्रमाण हैं। सोलंकी ने आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचारी व्यक्ति का विधानसभा अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद पर बिठाना ही प्रदेश भाजपा सरकार का गलत निर्णय है। उन्होंने कहा कि विभिन्न जनहितैषी मुद्दों को लेकर कांग्रेस के धरना प्रदर्शन पर जयराम सरकार कार्यकर्ताओं पर केस बनवा रही है। कई कार्यकर्ताओं पर झूठे केस भी बनाए जा रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे बिंदल को बचाने के लिए कोर्ट में अर्जी दी रही है यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।