( जसवीर सिंह हंस ) प्रदेश सरकार द्वारा राशन वितरण प्रणाली के लिए लाए गए डिजिटल राशन कार्ड परेशानी का सबब बने हुए हैं। ये कार्ड लोगों के लिए सुविधा कम और मुसीबत ज्यादा हैं। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने डिजिटल राशन कार्ड में ऐसा कारनामा दिखाया है कि हर कोई जानकर हैरान रह जाएगा । डिजिटल राशन कार्ड से जहां कुछ लोगों के नाम गायब हैं, वहीं इन राशन कार्डों में BPL श्रेणी के लोगों को APL श्रेणी में जबकि APL श्रेणी के लोगों को ,BPL श्रेणी में दर्शाया है। विभाग की इस लापरवाही से डिपो होल्डर्स भी परेशानी में हैं। डिपो होल्डर्स को विभाग के आदेशों पर डिजिटल व मेनुअल दोनों मोड पर काम करने पड़ रहे हैं, जिससे डिपो होल्डर्स खासे परेशान हैं।
सरकार ने बिना सोचे डिजिटल राशन कार्ड बनाने का फैसला किया। बेहतर होता कि सरकार पहले इसके लिए योजना तैयार करती। खाद्य एवं आपूर्ति महकमा सवालों के घेरे में रहा है। आए दिन विभाग अपने फैसले बदलता रहता है मगर विभाग का कोई भी फैसला कारगर साबित नहीं हुआ है। उधर, इस बारे में खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने माना कि डिजिटल राशन कार्ड में कई खामियां पाई गई हैं इस बारे में जिला के डिपो होल्डर की तरफ से भी शिकायत प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा, इस बारे में विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देशों पर खामियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
अकेले सिरमौर जिला में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा हजारों डिजिटल कार्ड बनाए गए, जिन पर मोटी रकम खर्च हुई है और अब दोबारा इन कार्ड को बनाया जाना है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्यों विभाग ने पहले योजना पूर्वक काम नहीं किया। विभाग की लापरवाही के कारण यहां करोड़ों रुपए की फिजूलखर्ची हुई है। विभाग भले ही सभी गलतियां सुधारने का दावा कर रहा हो मगर इसमें अभी लम्बा वक्त लगना तय है।
वही विभाग जे नियंत्रक ने डिपो संचालको को आदेश दे दिए है कि बिना डिजिटल राशन कार्ड के किसी को राशन न दिया जाये जबकि वो अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ रहे है व जब तक डिजिटल राशन कार्ड न बन जाये तब तक गरीब आदमी को राशन मिलना चाहिये क्यूंकि इसमें विभाग की गलती है | वही खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के दफ्तर में आम आदमी लम्बी लाइनो में खड़ा रहकर शाम को घर वापिस आ जाता है जबकि डिजिटल राशन कार्ड के नाम पर उससे कई कागजात मंगवा लिए जाते है व फार्म भरवाकर उसको फिर दो दिन बाद आने के लिए बोल दिया जाता है |