अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए पत्रकारों की सामाजिक सुरक्षा आवश्यकः मुख्यमंत्री

 

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पत्रकारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना प्रदेश सरकार के विचाराधीन है। सामाजिक रूप से सुरक्षित पत्रकार सदैव अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखेगा। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू आज चण्डीगढ़ में दि कॉन्फेडेरेशन ऑफ न्यूजपेपर्ज़ एण्ड न्यूज एजेंसीज एम्पलोईज आर्गेनाईजेशन द्वारा ‘चेलेंजिज बिफोर प्रिंट मीडिया’ विषय पर आयोजित सत्र को मुख्यातिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।

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मुख्यमन्त्री ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर पंचवर्षीय योजनाओं के लाभ जनमानस तक पहंुचाने और कल्याणकारी कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी से लोगों को लाभान्वित करने में प्रिंट मीडिया की सराहनीय भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेश में सूचना के आदान-प्रदान में समाचार पत्रों का अहम योगदान है। इलैक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के वर्तमान समय में प्रिंट मीडिया विस्तृत जानकारी प्रदान करने और लोगों के मीडिया पर विश्वास को कायम रखने में विशेष रूप से सफल रहा है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि हमारी सरकार ने समाज के उपेक्षित एवं वंचित वर्गों के लिए अनेक नवीन योजनाएं आरम्भ की हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया केे सहयोग से हमारी यह योजनाएं न केवल समय पर लक्षित वर्गों तक पहुंच रही हैं अपितु मीडिया द्वारा समय-समय पर प्रदत्त फीडबैक से यह योजनाएं और बेहतर भी बनेंगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मार्च, 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित करने की दिशा में प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण मित्र उद्योग स्थापित करने के लिए कृतसंकल्प है। राज्य में जलविद्युत के समुचित दोहन तथा पर्यटन क्षेत्र के पूर्ण विकास पर बल दिया जा रहा है।

ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में एशियन विकास बैंक की सहायता से 1311 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटन विकास योजना भी आरम्भ की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन सभी योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए मीडिया का सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना सहित राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल, ग्रीन एनर्जी के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों की विस्तृत जानकारी प्रदान की।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि वर्तमान में विभिन्न कारणों से मीडिया के समक्ष विश्वसनीयता का संकट प्रत्यक्ष है। मीडिया शीघ्र ही इस चुनौती से भी पार पा लेगा। उन्होंने कहा कि कलम की ताकत सदैव सर्वोच्च रहेगी।
उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि किसी भी समाचार को पाठकों तक पहंुचाने से पूर्व पूरी जानकारी एकत्र करें ताकि लोगों तक सही समाचार पहंुचे।

पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर गुरमीत सिंह ने प्रिंट मीडिया के समक्ष चुनौतियों के विषय में सारगर्भित जानकारी प्रदान की।

हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने इस अवसर पर कहा कि पत्रकार का कार्य आज के समय में पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सर्वोपरि है।
दि ट्रिब्यून एम्पलोईज यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कर्मवीर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया, समाचार पत्र एवं न्यूज एजेंसी कर्मचारी संगठन परिसंघ के महासचिव एम.एस. यादव, अन्य पदाधिकारी, विभिन्न समाचार पत्रों और एजेंसियों के प्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

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