पांवटा साहिब के भाटांवाली पंचायत प्रधान पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप सामने आ रहे हैं जिसकी शिकायतें साक्ष्यों के साथ डीसी सिरमौर को भी की गई है जहां से एसडीएम पांवटा साहिब को जांच के आदेश आए हैं।
जिस वक्त पूरा हिमाचल आपदा से पीड़ित था उस वक्त पंचायत प्रधान भाटांवाली अपने राजनीतिक आकाओं के साथ मिलकर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे थे। पांवटा साहिब की भाटांवाली पंचायत के प्रधान राकेश कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए पंचायत के स्थानीय ग्रामीण नरेंद्र कुमार और मोहम्मद अली ने बताया कि आरटीआई में खुलासा हुआ है गाड़ी नंबर HP 17 ए 39… जिसमें समान ढोया बताया गया है वह एक मोटरसाइकिल है वही ट्रैक्टर नंबर एचपी 17 डी 75… जिसमें सामान ढोना दर्शाया गया है वह एक एक्टिवा स्कूटर निकला है। वही बिल नंबर 797 जिसमें एचपी 17 ई 95… समान होने के लिए एक टेंपो दर्शाया गया है वह एक ट्रक निकला है। इसके अलावा एक नंबर 1571 के दो बिल लगा भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले में प्रधान राकेश कुमार के साथ-साथ यहां के सचिव भी बराबर के हिस्सेदार हैं।
इसके अलावा शिकायतकर्ता ने बताया आरटीआई में खुलासा हुआ है कि आपदा के दौरान भी भ्रष्टाचार पूरे चरमप्रधान जब पूरे हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात के कारण बची हुई थी उसे वक्त भी प्रधान द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा था अपने नजदीकी और चाहे तो को आपदा के नाम पर मुआवजा दिलवाया गया है जबकि पंचायत में आपदा के दौरान किसी का भी कोई नुकसान नहीं हुआ था।
शिकायतकर्ता दस्तावेजों के साथ बताया कि कईं ऐसे परिवार हैं जिनके पास मकान नहीं है अगर है तो बेहद बुरी स्थिति में है बावजूद इसके प्रधान द्वारा कई ऐसे लोगों को मकान आवंटित कर दिए जिनके पास पहले से ही मकान और जमीन थी। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाए की इतना बड़ा भ्रष्टाचार किसी और पंचायत में नहीं हुआ होगा । शिकायतकर्ताओं ने बताया कि कांग्रेस के कुछ बड़े नेता ऐसे भ्रष्टाचारियों को खुला समर्थन दे रहे हैं जिसके कारण पंचायत में आम आदमी को दी जाने वाले सुविधा प्रदान अपने चहेतों तो को बांट रहे हैं।
शिकायतकर्ता नरेंद्र कुमार और मोहम्मद अली ने बताया उन्होंने भाटांवाली पंचायत की आरटीआई के माध्यम से भ्रष्टाचार की पूरी जानकारी जुटाई है जिसमें प्रधान के सभी गोरख धंधे सामने आ रहे हैं जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री सहित डीसी को भी की गई है दो महीने बाद शिकायत एसडीएम पांवटा साहिब को पहुंची है अब देखना यह होगा क्या कांग्रेस सरकार अपने भ्रष्टाचार में सम्मिलित प्रधान को बचाती है या उस पर सख्त कार्यवाही करती है।
इस बारे में साक्ष्य पेश करते हुए नरेंद्र कुमार ने मीडिया को बताया कि जिस वक्त भाटांवाली के प्रधान ने इलेक्शन के लिए कुछ दस्तावेज पेश कर रहे थे उसमें भी झूठे दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं जो कैरक्टर सर्टिफिकेट उन्हें दिया गया है उसमें पुलिस ने कई मुकदमों को प्रस्तुत न कर क्लीन चिट प्रधान को दी गई जबकि प्रधान राकेश कुमार पर 420/471/419/467/468/120बी जैसी धाराओं के तहत मुकदमें दर्ज है। उसके अलावा एक मुकदमा फर्जी 10वीं 12वीं के सर्टिफिकेट को लेकर भी विजिलेंस द्वारा चलाया गया है। पांवटा थाना पुलिस ने भी प्रधान को क्रेक्टर सर्टिफिकेट देते वक्त कोई एहतियात नहीं बरती।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाए कि जिला पंचायत अधिकारी को इस भ्रष्टाचार की जांच की जिम्मेदारी सौंप गई थी। यह जांच 45 दिनों के भीतर डीसी सिरमौर को सौंपी जानी थी जो लगभग 3 महीने बाद पूरी नहीं हो पाई है।
वही शिकायतकर्ता ने बताया कि पांवटा साहिब खंड विकास अधिकारी के पास जांच के आदेश आए हैं साथ ही पांवटा साहिब एसडीएम गुंजित सिंह चीमा के पास भी जांच के आदेश पहुंच गए हैं अब देखना यह हैप्पी भ्रष्टाचार में पंचायत राकेश प्रधान का अधिकारी निष्पक्ष कार्रवाई करते हैं या पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार को नजर अंदाज कर दिया जाएगा।
शिकायतकर्ता नरेंद्र कुमार और मोहम्मद अली ने कहा कि पंचायत के दर्जनों गरीब लोग प्रधान द्वारा सुविधाओं के अभाव में जूझ रहे हैं सभी ने मन बनाया है कि अगर जल्द ही डीसी सिरमौर द्वारा इस जांच में सख्त कार्रवाई प्रधान पर नहीं की गई तो माननीय हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा और सभी अधिकारियों को भी इस पूरे मामले में पार्टी बनाया जाएगा।