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हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बीच जिला बिलासपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां सड़क पर चलते दो वाहनों पर अचानक से पहाड़ी से बड़ी बड़ी चटानें गिर गई हैं। सोमवार शाम को यह बड़ा हादसा उस वक्त हुआ जब चंडीगढ़-बिलासपुर ओल्ड नेशनल हाईवे पर छड़ोल के नजदीक चैहड़ी के पास दो कारें सड़क पर से गुजर रही थी। इसी दौरान अचानक पहाड़ी से भारी चट्टानें आ गिरीं।
चलती कारों पर टूटी पहाड़ी
प्राप्त जानकारी के अनुसार हादसा शाम करीब 5 बजे हुआ। हमीरपुर से कालका जा रही एक कार (HR-49-H-2550) और मनाली से दिल्ली की ओर जा रही दूसरी कार (HR-38-AB-7254) परविशाल चट्टानें गिर गईं। गाड़ियों को भारी नुकसान पहुंचा है, लेकिन गनीमत रही कि दोनों गाड़ियों में सवार सभी छह लोग सुरक्षित हैं।
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पहली गाड़ी में कालका निवासी रनेश, देवेंद्र कौर, सुषमा ठाकुर और कश्मीर सिंह सवार थे, जबकि दूसरी गाड़ी में तहसीन और सोनम दिल्ली की ओर जा रहे थे। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और पीडब्ल्यूडी की टीमें मौके पर पहुंचीं और मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया। इस दौरान हाईवे पर लंबा जाम लग गया।
लैंडस्लाइड की चपेट में आई निजी बस
वहीं कांगड़ा जिला के जवालाजी के बालू ग्लोआ में भी एक निजी बस भारी भूस्खलन की चपेट में आ गई। गनीमत रही इस हादसे में बस में सवार किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ। लेकिन हादसे के समय मौके पर चीख पुकार मच गई। यह हादसा सोमवार शाम करीब साढ़े तीन बजे उस समय हुआ, जब बस कांगड़ा से हमीरपुर की तरफ जा रही थी। जैसे ही बस बालू ग्लोआ में पहुंची तो अचानक पहाड़ी से लैंडस्लाइड हो गया। इसकी चपेट में सवारियों से भरी प्राइवेट बस आ गई। बस में 28 यात्री सवार थे। सभी सुरक्षित बताए जा रहे है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग (IMD) ने हिमाचल प्रदेश के लिए एक बार फिर चेतावनी जारी की है। चंबा, कांगड़ा और मंडी जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर और कुल्लू में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। सोलन और शिमला के लिए येलो अलर्ट जारी है। विभाग का अनुमान है कि 31 अगस्त तक प्रदेश में भारी बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।
बिलासपुर में 26 अगस्त को बंद रहेंगे शिक्षण संस्थान
लगातार बारिश और भूस्खलन की स्थिति को देखते हुए बिलासपुर जिला प्रशासन ने 26 अगस्त 2025 (मंगलवार) को जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश घोषित किया है। उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया कि बार-बार हो रहे भूस्खलन और अवरुद्ध सड़कों के कारण छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
इस आदेश के अंतर्गत सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज, नर्सिंग संस्थान, आईटीआई, पॉलिटेक्निक कॉलेज, व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। हालांकि, आवासीय कॉलेज और चिकित्सा संस्थानों को इससे छूट दी गई है। अध्यापक और अन्य शिक्षण स्टाफ को विद्यालयों में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा और उन्हें शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में तबाही: मकानों में घुसा मलबा
बिलासपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में भी बारिश ने कहर बरपाया है। मंझेड़ गांव में भारी बारिश के बाद मलबा रंजीत सिंह और सतपाल के घरों में घुस गया है, जिससे दोनों के मकानों को नुकसान पहुंचा है और दीवारों में दरारें आ गई हैं। वहीं नोग गांव में ग्रामीण चुन्नी लाल की गोशाला के साथ बना सुरक्षात्मक डंगा बारिश में ढह गया, जिससे गोशाला को गंभीर नुकसान हुआ है।
प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने जनता से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे जानमाल का खतरा लगातार बना हुआ है। लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे प्रशासन द्वारा जारी अलर्ट और निर्देशों का पालन करें।