( नीना गौतम )मिशन रोहतांग पर डटे बीआरओ को सोमवार देर रात कामयाबी हाथ लगी है। रोहतांग दर्रे के दोनों छोर जहां बीआरओ ने मिला लिए हंै, वहीं मंगलवार को दर्रे से वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो जाएगी। ऐसे में जहां कबायालियों की दिक्कतें कुछ हद तक कम होंगी, वहीं जल्द ही लाहुल में जनजीवन भी पटरी पर लौट आएगा। भारी बर्फबारी होने से जहां रोहतांग दर्रे को बहाल करना बीआरओ के लिए चुनौती बना हुआ था, वहीं सीमा सडक़ संगठन के जवानों ने कड़ी मेहनत कर रोहतांग दर्रे के दोनों छोर सोमवार को मिलाने में कामयाबी हासिल की है। बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि मौसम अगर साफ रहा तो मंगलवार को रोहतांग दर्रे से वाहनों की आवाजाही भी शुरू करवा दी जाएगी। ऐसे में सबसे पहले रोहतांग दर्रे से जहां लाहुल में फंसी सेब की फसल को घाटी से बाहर निकाला जाएगा, वहीं रोहतांग दर्रे से लोगों को भी आरपार करवाया जाएगा।
रोहतांग दर्रे को बहाल करने को लेकर बीआरओ ने जहां बीते शनिवार से ही दर्रे की बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया था, वहीं सीमा सडक़ संगठन ने मिशन रोहतांग को सफल बनाने के लिए अपनी तीन टीमों को दर्रे पर जहां तैनात किया था, वहीं दर्रे की बहाली का कार्य रात में भी चलता रहा। ऐसे में सोमवार देर रात जहां रोहतांग दर्रे के दोनों छोर बीआरओ ने मिलाने में कामयाबी हासिल की है, वहीं सडक़ पर पड़ी बर्फ को भी हटा लिया गया है। बीआरओ के कमांडर कर्नल उमा शंकर का कहना है कि रोहतांग दर्रे की बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि सोमवार देर रात दर्रे के दोनों छोर मिल गए हैं। ऐसे में बीआरओ प्रयास करेगा कि मंगलवार को दर्रे से वाहनों की आवाजाही करवाई जा सके। उन्होंने बताया कि दर्रे पर पड़ी बर्फ को हटाना बीआरओ के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। उन्होंने कहा कि मंगलवार सुबह बीआरओ की एक विशेष टीम दर्रे का जायजा लेगी उसके बाद यहां वाहनों की आवाजाही शुरू की जाएगी।