संस्थागत संचार के लिए राज्य पुलिस व हि.प्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के बीच एमओयू हस्ताक्षरित

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राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति एल. नारायण स्वामी की उपस्थिति में आज यहां राजभवन में हिमाचल प्रदेश पुलिस और हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के मध्य एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया।
पुलिस महानिदेशक संजय कुण्डू ने हिमाचल प्रदेश पुलिस जबकि कुलपति डाॅ. निष्ठा जसवाल ने हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
यह समझौता ज्ञापन पुलिसकर्मियों को कानूनी मुद्दों पर उनके ज्ञानवर्द्धन और न्यायालय के फैसलों को समझने में सहायक सिद्ध होगा। यह सहयोग अनुसंधान, विकासात्मक गतिविधियों और प्रशिक्षण पर आधारित होगा, जिसमें न केवल विद्यार्थी व संकाय बल्कि पुलिस अधिकारी भी शामिल होंगे। पुलिस-विधि इंटरेक्शन मंच के अन्तर्गत इस समझौता ज्ञापन के उद्देश्य की पूर्ति होगी। इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत दोनों सहयोगी निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध होंगे।
समझौता ज्ञापन के अंतर्गत, समान मुद्दों पर संयुक्त सहभागिता के तौर पर प्रदेश पुलिस और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय द्वारा नियमित शैक्षणिक सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। विद्यार्थियों को पुलिस विभाग की इकाइयों में इन्टर्नशिप प्रदान की जाएगी। प्रदेश पुलिस इन विद्यार्थियों के लिए पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों, प्रदेश फोरेंसिक साईंस प्रयोगशालाओं, कारागारों, प्रदेश विधि सेवा प्राधिकरण और पुलिस की अन्य विशेषज्ञ इकाइयों में इन्टर्नशिप के दौरान प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित करवाएगी। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय पुलिस अधिकारियों के लिए विधिक मुद्दों और अन्वेषण से सम्बन्धित न्यायालयों के निर्णयों, अभियोजन और कानून की व्याख्या से सम्बन्धित प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि पुलिस-लाॅ इंटरएक्शन फोरम समझौता ज्ञापन भविष्य में विधि विश्वविद्यालय के संकायों, शोधकर्ताओं व विद्यार्थियों तथा पुलिस कर्मियों के मध्य वैधिक मामलों पर एक संस्थागत व्यवस्था स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि समय के साथ कानूनों में कई बदलाव हो रहे हैं और कई ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं जो पुलिसकर्मियों के साथ-साथ वैधिक विशेषज्ञों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि यह समझौता ज्ञापन उन सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के लिए सहायक साबित होगा जो कानून-व्यवस्था बनाए रखने में व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। यह मानवाधिकार, सार्वजनिक व्यवहार, व्यवहारिक परिवर्तन, जांच और सुधार की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा।
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को भी यह समझने का मौका मिलेगा कि पुलिस अटैचमेंट में काम करके कानून को कैसे अमल में लाया गया। उन्होंने कहा कि यह समझौता ज्ञापन नई मानसिकता के साथ आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह समझौता ज्ञापन हिमाचल प्रदेश पुलिस और विद्यार्थियों, विभिन्न संकायों, हिमाचल प्रदेश विधि विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के बीच संस्थागत संचार का प्रभावी माध्यम साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व हिमाचल पुलिस ने आईआईटी मण्डी के साथ भी समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया था, जिसके सार्थक परिणाम आए हैं। आईआईटी मण्डी के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करने के परिणामस्वरूप हिमाचल पुलिस ने कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने, यातायात प्रबन्धन और महिलाओं के विरुद्ध अपराध रोकने के लिए भावीसूचक रणनीति को अपनाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस-लाॅ इंटरएक्शन फोरम न्यायालयों द्वारा दिए जाने वाले निर्णयों और उनकी वैधिक परिभाषा को समझने में पुलिस कर्मियों की सहायता करेगा तथा दोनों संगठनों के मध्य एक सहयोगी व्यवस्था स्थापित करने में सफल होगा। समझौता ज्ञापन के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को ग्रीष्म तथा शीत इंटर्नशिप के दौरान पुलिस थानों की कार्यप्रणाली से अवगत करवाया जाएगा। हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों तथा शोधकर्ताओं को पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली के बारे में भी ज्ञान प्राप्त होगा।
जय राम ठाकुर ने प्रदेश पुलिस के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि जिला शिमला के पुलिस थाना चैपाल को वर्ष 2018 में देश के प्रथम 10 पुलिस थानों में शामिल किया गया था। इसी वर्ष हिमाचल पुलिस को जिला कुल्लू में प्रतिभागी कार्यक्रम के लिए स्काॅच अवार्ड से सम्मानित किया गया था। आरएडीएमएस प्रोजेक्ट के लिए वर्ष 2018 में एफआईसीसीआई द्वारा भी हिमाचल पुलिस को सम्मानित किया गया।
प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एल.नारायण स्वामी ने कहा कि जिम्मेदारियों के इस माहौल में पुलिस विभाग को बदलती कानूनी व्यवस्था और कानून की व्याख्या के बदलते पहलुओं के साथ खुद को शिक्षित रखने की आवश्यकता है। इसके लिए पुलिस कर्मियों और सिस्टम से जुड़े अन्य अधिकारियों के ज्ञान का निरंतर अद्यतन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कानून के विद्यार्थी कक्षा में जो सीखते हैं और वास्तव में क्षेत्र की सच्चाई को लेकर जो खाई होती है कानून लागू करते समय उसको पाटने की तत्काल आवश्यकता है। इस संदर्भ में समझौता ज्ञापन के कई उद्देश्य हैं। उन्होंने कहा कि यह समैझाता ज्ञापन प्रभावी ज्ञान प्रसार, व्यावहारिक प्रशिक्षण और नवीन विचारों के आदान-प्रदान को सुनिश्चित करने के लिए अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण और माॅडल स्थापित करेगा।
इससे पूर्व, प्रदेश पुलिस महानिदेशक पुलिस संजय कुण्डू ने प्रदेश पुलिस विभाग और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय शिमला के मध्य समझौते के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह समझौता ज्ञापन दोनों संस्थानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की कुलपति निष्ठा जसवाल ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस वेणु गोपाल ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री का स्वागत किया जबकि अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अशोक तिवारी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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